राम का मंदिर विश्व का मंदिर है, स्वीकार व संवाद की नींव पर बनना चाहिए-मोरारी बापू
संत मोरारी बापू ने अयोध्या में मानस गणिका विषयक रामकथा के समापन पर बहु प्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण की बात उठाई तो पूरा कथा पंडाल जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। बापू ने कहा कि राम मंदिर होगा, कब होगा, कैसे होगा, उसके प्रारंभ की बुनियाद हो सकती है इस बार की अयोध्या की मानस गणिका कथा। उन्होंने कहा कि स्वीकार व संवाद की नींव पर राम मंदिर बनाया जाए। अयोध्या संघर्षरत रही है, कब तक इसको रखेंगे, करो संवाद, करो स्वीकार…।मोरारी बापू ने आह्वान करते हुए कहा कि मैं पूरे देश को निमंत्रित करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, संत समाज को, सभी को, देशवासियों को, सभी घटकों को आवाज दे रहा हूं। स्वीकार व संवाद की नींव पर मंदिर बनाया जाए। हमें दो ही ईंट रखनी हैं। यह भी ध्यान रहे कि ईंट खंडित न हो। एक स्वीकार की ईंट जो राह है, दूसरी संवाद की ईंट जो विचार है।
विचार, राह, संवाद की नींव पर ही मंदिर बनेगा। राम का मंदिर विश्व मंदिर है। संवाद और स्वीकार की दो राम नाम ईंट पर विश्व मंदिर बनाएं। एक स्वीकार की ईंट रा है, संवाद की ईंट म है। हमारे संत तो लगे ही हैं, सब मिलकर ध्वजा फहराएं।
मोरारी बापू ने कहा कि ऐसी कोई भूमि नहीं है, जहां सकल सुख है। केवल चित्रकूट है, जहां सुख है। अयोध्या में तो दुख रहा है। अयोध्या कब तक संघर्ष करती रहेगी। अब संघर्ष खत्म होना चाहिए। सभी साथ आएंगे तो राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
उधर, गाणिकाओं के उद्घार के लिए की गई बापू की अपील प्रभावी रही। बड़ी संख्या में लोगों ने गणिकाओं के उद्घार के लिए करीब 6.50 करोड़ रुपये दिये।