राम मंदिर और राफेल पर संसद में जोरदार हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
आज संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन है। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। राम मंदिर, राफेल, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग और कावेरी मुद्दों पर शिवसेना, कांग्रेस, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने लोकसभा में खूब हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर अन्नाद्रमुक, द्रमुक सदस्यों सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में भी जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
बता दें कि संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की आज 17वीं बरसी है। उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही उस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
इसके बाद उन्होंने कहा कि अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें चार नोटिस मिले हैं, जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, आंध्रप्रदेश से जुड़े मुद्दों तथा अन्य सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराई जाएगी।
नायडू अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आए गए। द्रमुक के सदस्य भी यही मुद्दा उठाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए।
वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। अन्य दलों के सदस्य अपने अपने स्थानों से ही अपने मुद्दे उठाने की कोशिश करते रहे।इसके बाद सभापति ने आसन के समक्ष आए सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘हर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सदन चले।’
उन्होंने कहा ‘आज ही, संसद हमले की 17वीं बरसी पर, हमले में जान गंवाने वालों को हमने श्रद्धांजलि दी है। उनके बलिदान को याद करते हुए सदन में कम से कम आज कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। इससे गलत संदेश जाएगा।’
सभापति ने कहा कि वह नहीं चाहते कि लोग सदन में इस तरह की स्थिति को देखें। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य अपने स्थानों पर वापस नहीं जाएंगे तो उन्हें सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
अपनी बात का असर नहीं होते देख, नायडू ने 11 बजकर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि बुधवार को भी इन्हीं मुद्ददों को लेकर उच्च सदन में हंगामा हुआ था और कार्यवाही बाधित हुई थी।