रोज़े से नहीं रुके वोट, रमज़ान के दौरान मुस्लिम इलाकों में बंपर मतदान
रमजान के दौरान मुसलमान मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए भले ही वोटिंग का समय दो घंटे जल्दी करने की मांग की गई हो, लेकिन रविवार को छठे चरण के तहत दिल्ली में हुए मतदान पर रमजान का असर कम ही नजर आया है. दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों में से जिनपर मुस्लिम वोटरों की आबादी सबसे ज्यादा है, वहां सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत देखने को मिला है.
दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर कुल 60.21 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव (65 प्रतिशत) से कम रहा है. चांदनी चौक सीट पर 62.69, उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर 63.45, नई दिल्ली सीट पर 56.47, पूर्वी दिल्ली सीट पर 61.95, उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर 58.99, दक्षिण दिल्ली सीट पर 57.3 और पश्चिमी दिल्ली सीट पर 60.64 प्रतिशत मतदान हुआ है.
यानी सबसे ज्यादा वोटिंग उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर हुई है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित, बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी व आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दिलीप पांडेय के बीच मुकाबला है. खास बात ये है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में ही दिल्ली की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है. यहां करीब 23 फीसदी मुस्लिम है, जिसमें सीलमपुर और मुस्तफाबाद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके आते हैं.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत चांदनी चौक लोकसभा सीट पर रहा है. यहां 62.69 प्रतिशत मतदान हुआ है. चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक, मटियामहल और बल्लीमारां जैसे मुस्लिम बहुल इलाके आते हैं और इस लोकसभा में करीब 20 फीसदी मुस्लिम आबादी है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक के बाद वोटिंग प्रतिशत में तीसरे नंबर पर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र रहा है, जिसके अधीन ओखला जैसी विधानसभा आती हैं. यहां 61.95 प्रतिशत वोटिंग हुई है.
इस तरह वोटिंग प्रतिशत के आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली के जिन इलाकों में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या वहां सबसे ज्यादा है. हालांकि, वोटिंग के ट्रेड पर रमजान का असर जरूर देखने को मिला. इन इलाकों में कई जगह सुबह के वक्त कम वोटर देखने को मिले. कई वोटरों ने बताया कि रोजा रखने के लिए सुबह सवेरे उठकर सहरी की जाती और उसके बाद सभी लोग सो जाते हैं. यही वजह रही सुबह के वक्त वोटिंग धीमी रही, लेकिन दोपहर के बाद वोटिंग प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने नेता अफजल अहमद ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि अधिकांश लोग तड़के सहरी करने के लिए उठते हैं और उसके बाद नमाज अदा करके सो जाते हैं. दूसरी तरफ रविवार होने के चलते भी लोग देरी से वोट करने पहुंचे.
ये पहला मौका था जब रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव का मतदान हुआ. अब 19 मई को आखिरी चरण का मतदान भी रमजान के बीच ही होना है, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 7 की जगह 5 बजे वोटिंग शुरू करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में अब अंतिम चरण में होने वाले चुनाव में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कैसा रहता है, ये देखना होगा, लेकिन दिल्ली की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सबसे अधिक मतदान देखने को मिला है.