लोकसभा में कांग्रेस के नेता पद के लिए अधीर रंजन चौधरी सबसे आगे, दौड़ में ये 3 नाम

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हार के बाद अपना पद छोड़ने पर अड़े हैं और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी चुनी जा चुकीं हैं. ऐसे में अब सबकी नजर लोकसभा में कांग्रेस के नेता पद पर है. जरूरी आंकड़ा नहीं होने के कारण कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद तो नहीं मिल सकता.

सूत्रों की मानें तो इसके लिए तीन नाम सामने आए, जिसमें मनीष तिवारी, शशि थरूर और अधीर रंजन चौधरी हैं. ये तीनों ही नेता हिंदी अंग्रेज़ी में अपनी बात रख सकते हैं. इनमें पहला नाम मनीष तिवारी का है, जो यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के अध्यक्ष रहे हैं. मनीष केंद्र में मंत्री रहे और दूसरी बार सांसद बने हैं. वहीं शशि थरूर तीसरी बार सांसद बने हैं, केंद्र में मंत्री रहे हैं. लेकिन उनके कई बयान विवादों में भी रहे और अपनी पत्नी की हत्या का आरोप का मामला उन पर अभी तक चल रहा है.

इसके अलावा तीसरा नाम बंगाल के बहरामपुर से 5वीं बार सांसद बने अधीर रंजन चौधरी का है, जो दो बार विधायक भी रह चुके हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी. अधीर रंजन चौधरी को लड़ाका और जुझारू नेता माना जाता है. ममता के खिलाफ अधीर की सियासी लड़ाई किसी से छिपी नहीं है. हालांकि, ममता विरोध के चलते लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अधीर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था.

लेकिन अब कांग्रेस संदेश देना चाहती है कि वो जमीन से जुड़े और सियासी लड़ाई खुलकर लड़ने वाले नेता के साथ हैं. इससे ये संदेह होता है कि बुरी हार के बाद अब वो गठबंधन की चिंता नहीं कर रही. आने वाले दिनों में बंगाल में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं. साथ ही वरिष्ठता की बात करें तो भी लोकसभा में अधीर के अलावा सिर्फ सोनिया गांधी 5 बार और केरल के सुरेश 6 बार के सांसद हैं. लेकिन सुरेश की हिंदी में कमजोरी उत्तर भारत में पार्टी के लिए दिक्कत भरी बात होगी. ऐसे में वरिष्ठता के लिहाज से अधीर कहीं आगे हैं. साथ ही अधीर को आलाकमान का विश्वत भी माना जाता है।

कांग्रेस के नेता की दौड़ में अधीर रंजन चौधरी सबसे आगे

ऐसे में दो बार के विधायक, बंगाल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और 5वीं बार सांसद बने अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में नेता पद के लिए मनीष तिवारी और शशि थरूर से अब आगे नज़र आ रहे हैं. दरअसल, पहले मनीष तिवारी का पलड़ा भारी था, क्योंकि संसद में ममता की पार्टी से सामंजस्य की बात के चलते अधीर दौड़ में पिछड़ रहे थे.

लेकिन रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा सांसदों में से अधीर रंजन को भेजकर संकेत भी दे दिया है. वैसे भी अधीर बार-बार ममता के तमाम विरोध के बाद जीतते आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, अधीर की इसी जुझारू छवि के चलते ही सर्वदलीय बैठक के खत्म होते-होते पीएम ने तारीफ करते हुए कहा कि अधीर बड़ा योद्धा है. जिस पर वहां मौजूद कांग्रेस नेता आनन्द शर्मा बोले-बेशक.

लेकिन कांग्रेस अब लड़ती नज़र आना चाहती है और ममता से लड़ते-लड़ते अधीर हारे नहीं, अंग्रेज़ी भी जानते हैं और बंगाली अंदाज़ में हिंदी भी. वहीं, माना जाता है कि अधीर समझौता करने वालों में से नहीं हैं. साथ ही कांग्रेस मानती है कि अब गठजोड़ की सोचने के बजाय पार्टी को खड़ा करने का वक़्त है. साथ ही उत्तर भारत में भी वो पार्टी की बात पहुंचा सकते हैं. इसलिए सम्भव है कि जल्दी ही अधीर रंजन के नाम का ऐलान पार्टी कर दे. साथ ही 6 बार के केरल से आने वाले सांसद सुरेश को लोकसभा में पार्टी के उपनेता का पद दिया जा सकता है.

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