लोगों पर स्पाई करने वाले ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया गया, आप भी हटाएं
पिछले कुछ समय से लगातार गूगल अपने ऐप प्लेटफॉर्म Play Store से ऐप्स हटा रहा है. वजह ये है कि ये ऐप्स कस्टमर्स के लिए कई मायनों में खतरनाक होते हैं. हाल ही में गूगल ने एक बड़े चीनी डेवेलपर को बैन किया और साथ उसके तहत आने वाले लगभग 60 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा लिया.
एंटी वायरस कंपनी Avast ने कहा है कि कंपनी ने एंड्रॉयड प्ले स्टोर पर स्टॉकवेयर ऐप्स ढूंढे हैं. Stalkware, उन ऐप्स को कहा जाता है कि स्मार्टफोन में यूजर्स की निगरानी या स्पाई करते हैं. ट्रैकर ऐप भी आप इसे कह सकते हैं.Avast के मुताबिक ये Stalkware ऐप्स 1.30 लाख बार से ज्यादा डाउनलोड किए गए थे. इस एंटी वायरस कंपनी के रिपोर्ट के बाद गूगल ने इसे गूगल प्ले स्टोर से इनमें से चार ऐप्स को हटा लिया है. कंपनी ने ये भी कहा है कि गूगल की पॉलिसी कमर्शियल स्पाईवेयर ऐप को रोकती है औ यूजर्स को इन्हें रिपोर्ट करने को बढ़ावा देती है. अगर आप भी ऐसे ऐप देखते हैं तो इसे रिपोर्ट कर सकते हैं और अपने स्मार्टफोन में चेक करके इसे हटा सकते हैं.
गौरतलब है कि Stalkware या Spyware ऐप्स को आम तौर पर बच्चों की सेफ्टी के लिए डिजाइन किया जाता है. कई बार इस तरह के ऐप्स को खोए हुए मोबाइल को ट्रैक करने के लिए भी डिजाइन किया जाता है. लेकिन इसे कुछ लोग इसे गलत इरादे से यूज करते हैं और लोगों पर स्पाई करते हैं.
इन ऐप्स में कई तरह के ट्रैकिंग ऑप्शन होते हैं. इनमें कॉल लॉग, कॉन्टैक्ट्स इनफॉर्मेशन, लोकेशन ट्रैकिंग और टेक्स्ट मैसेज से जुड़ी जानकारियां स्टोर होती हैं. CNET की एक रिपोर्ट के मुताबिक Spy Tracker नाम के इस ऐप को प्ले स्टोर पर बच्चों को सेफ रखने वाले ऐप के तौर पर प्रोमोट किया जा रहा था. इस ऐप के अटैकर को मोबाइल फोन का फिजिकल ऐक्सेस चाहिए होता है. लेकिन एक बार इसे इंस्टॉल और लॉगइन करने के बाद इसे हाइड करने का ऑप्शन होता है जिससे आम यूजर्स को इसे ढूंढने में दिक्कत होती है.
Avast के मोबाइल थ्रेट इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी हेड निकोलस ने कहा है, ‘ये ऐप्स पूरी तरह से अवैध हैं और लोगों की प्राइवेसी के लिए दिक्कत वाले हैं. इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर नहीं रहना चाहिए, क्योंकि ये क्रिमिनल बिहैवियर को प्रोमोट करते हैं और इससे इंप्लॉयर, स्टॉकर और अब्यूजर गलत तरीके से लोगों पर स्पाई करने के लिए यूज कर सकते हैं.’ये ऐप्स इसलिए भी खतरनाक होते हैं, क्योंकि कई बार ये एंटी वायरस के पकड़ में भी नहीं आते हैं. इसे मोबाइल से हटाने के लिए यूजर्स को अपने स्मार्टफोन को फैक्ट्री रिसेट करना होता है.