शर्मनाक: बिहार के कई सरकारी अस्पतालों में पुरुष चिकित्सक करा रहे प्रसव
पूरे बिहार में महिला चिकित्सकों की भारी कमी है। आधी आबादी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (पीएचसी) हो या रेफरल, सदर या मेडिकल कॉलेज व अन्य अस्पताल सभी जगह महिला चिकित्सकों की भारी कमी है। महिलाएं पुरुष चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव कराने को मजबूर हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में स्त्री रोग विशेषज्ञ के 68 फीसदी पद रिक्त हैं। राज्य में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के 533 पद स्वीकृत हैं। इनमें मात्र 167 ही कार्यरत हैं। 366 पद रिक्त हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत भी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों की तैनाती की जाती है। इसके तहत राज्य में 127 महिला चिकित्सकों की जरूरत है। संविदा पर नियुक्ति के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने 88 महिला चिकित्सकों का चयन किया, लेकिन इनमें मात्र 48 ने ही योगदान दिया।
ग्रामीण इलाकों में स्थिति और खराब है। नालंदा के 13 अस्पतालों में एक भी महिला डॉक्टर नहीं हैं। पटना के पीएचसी में एएनएम के भरोसे प्रसव सुविधा चल रही है। पटना के ग्रामीण अस्पतालों में एएनएम के भरोसे प्रसव कराने की सुविधा है। जिले में 23 पीएचसी, 60 एपीएचसी, 4 अनुमंडल स्तरीय, 3 रेलफरल व एक जिला अस्पताल है। इनमें सिर्फ 77 महिला डॉक्टर हैं, जिनमें 14 विशेषज्ञ हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि पीएचसी में एएनएम ही प्रसव कराती हैं।
बेगूसराय: अधिकतर पीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक नहीं
जिले के अधिकतर पीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक नहीं हैं। महिला चिकित्सक के अभाव में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए नर्स पर ही निर्भर रहना पड़ता है। पीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक नहीं रहने से महिला मरीजों को प्रसव के लिए फजीहत झेलनी पड़ती है।
जहानाबाद: सात पीएचसी हैं पर कहीं भी महिला चिकित्सक नहीं
जहानाबाद सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक के लिए छह पद स्वीकृत हैं, लेकिन दो ही कार्यरत हैं। घोसी रेफरल अस्पताल में दो के बदले एक महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। वहीं मखदुमपुर रेफरल अस्पताल में एक भी कार्यरत नहीं हैं। जिले में सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, कहीं भी महिला चिकित्सक नहीं हैं।
वैशाली: पुरुष चिकित्सक की देखरेख में प्रसव
जिले के हाजीपुर सदर अस्पताल में पर्याप्त महिला रोग विशेषज्ञ हैं लेकिन गोरौल पीएचसी में एक भी नहीं हैं। सिजेरियन डिलेवरी की सुविधा सिर्फ सदर अस्पताल में है। पीएचसी में पुरुष चिकित्सकों की देखरेख में एएनएम प्रसव कराती हैं।
कैमूर: नर्स कराती हैं प्रसव, पुरुष करते हैं जांच
कैमूर के सरकारी अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की भारी कमी है। स्त्री रोग विशेषज्ञों के 23 पद स्वीकृत हैं, कार्यरत मात्र आठ हैं। यहां गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच पुरुष करते हैं और प्रसव नर्स कराती हैं।
सारण: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ए ग्रेड नर्स के सहारे होता है प्रसव
सारण के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव ए ग्रेड नर्स के सहारे होता है। एपीएचसी में सिताबदियारा को छोड़ दें तो कहीं भी महिला डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है। 20 में 15 पीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। सदर अस्पताल में 5, सोनपुर रेफरल अस्पताल में 4, मढ़ौरा, बनियापुर व दरियापुर में 1-1 महिला चिकित्सक हैं।
नालंदा: महिला चिकित्सकों के 27 पद स्वीकृत 14 तैनात, इनमें तीन ही नियमित
जिले के 13 अस्पतालों में एक भी महिला डॉक्टर नहीं हैं। विभिन्न अस्पतालों में महिला चिकित्सक के 27 पद स्वीकृत हैं जबकि महज 14 ही बहाल हैं। इनमें तीन ही नियमित हैं। अन्य 11 डॉक्टरों की बहाली भी संविदा पर ही है। सीएस डॉ. परमानंद चौधरी ने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी है। उपलब्ध संसाधनों से अस्पतालों में बेहतर चिकित्सीय सेवा दी जा रही है।