September 23, 2024

शहीद दिवस : आज ही दी गई थी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी

रत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जब-जब आजादी की बात होगी तब-तब इंकलाब का नारा देने वाले भारत माता के ये वीर सपूत याद किए जाते रहेंगे। 23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था। 

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी (लाहौर षड्यंत्र केस)। इसके लिए तीनों को फांसी की सजा सुनाई थी। तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई। इस मामले में सुखदेव को भी दोषी माना गया था। सजा की तारीख 24 मार्च थी, लेकिन 1 दिन पहले ही फांसी दे गई थी। 

जानें क्या हुआ फांसी के दिन
जिस वक्त भगत सिंह जेल में थे, उन्होंने कई किताबें पढ़ीं थी। 23 मार्च 1931 को शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह और उनके दोनों साथी सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी। फांसी पर जाने से पहले वे लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। 

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के शहीदी दिवस के अवसर पर देश भर में जगह-जगह कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। कई जगहों पर शहीदी दिवस को युवा सशक्तीकरण दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। कई जगहों पर रक्तदान शिविर लग रहे हैं। 

पीएम मोदी ने किया नमन
पीएम मोदी ने कहा- आजादी के अमर सेनानी वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर शत-शत नमन। भारत माता के इन पराक्रमी सपूतों के त्याग, संघर्ष और आदर्श की कहानी इस देश को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। जय हिंद!


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com