सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद मिशन 2022 में जुटी मायावती, इन पर बसपा की नजर

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mayawati

समाजवादी पार्टी से महागठबंधन तोड़ने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मिशन 2022 के लिए चुनावी मोहरे अभी से बिछाने शुरू कर दिए हैं। उनके हालीय फैसले को देखें तो उनकी नजर दलित, मुस्लिम व पिछड़े वोट बैंक पर है। पार्टी में इन बिरादरियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाना और यह कहना कि सपा मुखिया अखिलेश नहीं चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन मुस्लिमों को अधिक सीटें दें, मायावती के बयान से सब कुछ साफ हो रहा है।

बड़ा संदेश देने की कोशिश

सपा से नाता तोड़ने के बाद बसपा सुप्रीमो ने एक और बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। नेता लोकसभा दानिश अली और उप मुख्य सचेतक श्याम सिंह यादव को बनाकर यह भी संदेश दिया है कि सपा ही नहीं बसपा भी उसकी हितैषी है। दानिश अली लोकसभा चुनाव के समय बसपा में शामिल हुए और मायावती ने उन्हें अमरोहा से टिकट दिया। वह पहली बार सांसद चुने गए हैं। बसपा सुप्रीमो ने नेता लोकसभा के पद पर मतगणना के तुरंत बाद काडर व बिरादरी के नेता गिरीश चंद्र जाटव को नेता लोकसभा बनाया था, लेकिन बाद में उन्हें मुख्य सचेतक के पद पर बैठाकर यह भी साफ किया है कि वह अन्य जातियों को भी साथ लेकर चलना चाहती हैं।

संगठन में जल्द और बदलाव के संकेत

बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों लखनऊ में ही हैं और लगातार बैठकें कर रही हैं। वह लगातार फीडबैक ले रही हैं जिससे लोकसभा चुनाव की गल्तियां विधानसभा चुनाव 2022 में न हो। पार्टी सूत्रों की माने तो बसपा संगठन में जल्द ही कुछ और भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसमें जोनल प्रभारियों की जिम्मेदारियों के साथ मुस्लिम और पिछड़े नेताओं को अहम दायित्व सौंपा जा सकता है। इसके साथ ही पार्टी में निष्क्रिय चल रहे नेताओं को दायित्व मुक्त भी किया जा सकता है। बसपा सुप्रीमो की कार्यशैली कुछ इसी तरह रही है कि फीडबैक लेने के बाद ही वह कोई फैसला करती हैं।

उप चुनाव की तैयारियां शुरू
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में रिक्त हुई 12 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। जोनल प्रभारियों को सबसे पहले इन्हीं 12 विधानसभा सीटों पर भाईचारा कमेटियां बनाने का निर्देश दिया गया है। भाईचारा कमेटियों में अल्पसंख्यकों के साथ पिछड़ों और दलितों को जोड़ने का निर्देश दिया गया है। भाईचारा कमेटियां बनाने के साथ ही उसकी मासिक बैठकें करने का निर्देश कोआर्डिनेटरों को दिया जा चुका है।

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