September 22, 2024

सबरीमाला पर हिंसक झड़प, CM बोले- केरल को वॉर जोन बना रहा RSS

केरल के सुप्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सदियों से चली आ रही प्रथा आखिरकार कल टूट ही गई. सबरीमाला में बुधवार को 40 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं ने दर्शन किए, जिसके बाद से ही राज्य में बवाल हो गया है. बुधवार को ही सबरीमाला में महिलाओं की एंट्री के बाद काफी प्रदर्शन हुआ था, इसी में घायल हुए 55 वर्षीय चंदन उन्नीथन की मौत हो गई.

आज भी जारी हिंसात्मक प्रदर्शन

गुरुवार को सबरीमाला में प्रदर्शन कर रहे 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, इनपर महिला पुलिसकर्मी पर हमला करने का आरोप था. जबकि दो सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं को भी कस्टडी में लिया गया है. आज राज्यव्यापी बंद बुलाया गया है. केरल के कोझिकोडे में भी प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों पर हमला किया. पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजूद प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और दुकानों को जबरन बंद करवा रहे हैं.

‘केरल को वार जोन बना रहा संघ’

राज्य में हो रहे प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निशाने पर लिया. विजयन ने कहा कि संघ परिवार इस क्षेत्र को वॉर जोन बनाकर रखा हुआ है, सरकार इस प्रकार के प्रदर्शन बंद करना चाहती है. हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदर्शन में 7 पुलिस वाहनों, 79 सरकारी बसों और 39 पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया है.

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चंदन उन्नीथन, ‘सबरीमाला कर्म समिति’ का कार्यकर्ता था, जो कि महिलाओं के मंदिर में घुसने का विरोध कर रहा था. बुधवार को वहां हुई CPIM-BJP के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में वह घायल हुए जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, देर रात ही उनकी मौत हो गई.

आज कई हिंदूवादी संगठनों ने राज्य बंद का आह्वान किया है. गौरतलब है कि भगवान अयप्पा के इस मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं की एंट्री पर रोक थी. देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने इस परंपरा को खत्म किया था, जिसका भारतीय जनता पार्टी और अन्य हिंदू संगठनों ने काफी विरोध किया था. गौरतलब है कि बुधवार को राज्य सचिवालय के बाहर करीब 5 घंटे तक संघर्ष चला, जिसमें माकपा-भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच पत्थरबाजी हुई.

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी बिंदू और कनक दुर्गा नाम की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश और दर्शन करने की पुष्टि की. इन महिलाओं ने सुबह-सुबह 3.30 बजे दर्शन किए, लेकिन जैसे ही ये खबर फैली तो हंगामा मच गया. महिलाओं के दर्शन करने के बाद मंदिर की शुद्धि की गई और बाद में दोबारा मंदिर के कपाट खोले गए.

महिलाओं ने बनाई 620 KM. लंबी मानव श्रृंखला

काले परिधान पहने और चेहरों को ढकी महिलाओं ने तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर में प्रवेश किया. इससे एक ही दिन पहले केरल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 35 लाख महिलाएं लैंगिक समानता बरकरार रखने की सरकारी पहल के तहत कासरगोड के उत्तरी छोर से तिरूवनंतपुरम के दक्षिणी छोर तक 620 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुईं थीं.


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