सोनिया गांधी का बड़ा हमला, कहा-‘सत्ता के लिए भुलाई जा रहीं सभी मर्यादाएं’
आभार समारोह में सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि मैं रायबरेली के अपने सभी मतदाताओं, बहन-भाइयों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने मुझे पूरे विश्वास के साथ एक बार फिर लोकसभा के लिए अपना प्रतिनिधि चुना। मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने कांग्रेस को वोट दिया है। मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि रायबरेली के एक-एक नागरिक के लिए पहले की तरह बिना भेदभाव के काम करूंगी।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबसे ऊंचा दर्जा मतदाता का होता है। इस बार के चुनाव में मतदाताओं को भड़काने के लिए हर तरह के प्रपंच रचे गए। जो हुआ वह कितना नैतिक था और कितना नहीं, यह सब समझते हैं। भारत का इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता है कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए सभी मर्यादाएं भुला दी गईं। हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को लेकर पिछले कुछ वर्षों से तरह-तरह के संदेश सामने आ रहे हैं। आप सब जानते हैं कि बिना आग के धुआं नहीं निकलता। इस तरह से संदेश का समाधान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे आप परिवारीजन हैं। हमारे और आपके बीच का रिश्ता न तो आज का और न ही किसी स्वार्थ पर आधारित है। स्वाधीनता आंदोलन में अपना सब कुछ समर्पित करने वालों को नहीं मालूम था कि आजादी मिलेगी भी नहीं। फिर भी वह भारत की लड़े। महात्मा गांधी ने सीने पर गोली खाई। राजीव जी, इंदिरा गांधी ने जान न्योछावर कर दी, तब जाकर हम इस लोकतंत्र के इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
आज उनके सबके बलिदान को हंसकर उड़ा देना कुछ लोगों के लिए आसान है। मैं तो इतना कहना चाहती हूं कि यह हमारा देश बहुत मेहनत और पक्के इरादे से संघर्ष करके पहुंचा है। पांच साल में यह सरकार कितनी अच्छे दिन लाई, यह सबको मालूम है। सियासत की होड़ में ऐसा कोई कार्य नहीं होना चाहिए, जिससे जनतंत्र की बुनियादी सुविधाओं को चोट पहुंचे।
… तो डटकर करेंगे विरोध
सोनिया ने कहा कि मैं (मोदी सरकार) को शुभकामनाएं देती हूं कि यह सरकार देश की तरक्की के लिए काम करे। लोकतंत्र की मजबूती में हम सरकार के साथ हैं, लेकिन अगर संविधान और लोकतंत्र को कमजोर, वंचितों के खिलाफ कोई कदम उठाएगी तो हम जरूर उसका डटकर विरोध करेंगे। संसद में हमारी संख्या कम है, लेकिन संसद और विधानसभा के बाहर भी एक बड़ी दुनिया बसती है। आज भी देश का बहुत बड़ा वोटर कांग्रेस के साथ है। जरूरत पड़ी तो सड़कों पर मुकाबला करेंगे।
आभार समारोह में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव के दिखे तल्ख तेवर
भुएमऊ गेस्ट में आयोजित आभार समारोह में शिरकत करने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के तेवर तल्ख दिखे। उन्होंने जहां अपनी मां सोनिया गांधी की जीत का श्रेय जनता को दिया, वहीं जिला संगठन और कामचोरी करने वाले कुछ नेताओं को सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि आप सब में जिसने भी दिल से काम किया है, उसकी जानकारी आपको हो। और जिसने नहीं किया है, उसकी जानकारी मैं करूंगी।
उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि चुनाव संगठन लड़ाता है, लेकिन आज आपके सामने खड़े होकर कह रही हूं कि अपने सबने पूरे दिल से चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने कहा कि यह यह संघर्ष का समय है। जो घबरा रहा है। जो समझौता करना चाहता है, जिसका दिल इस संघर्ष में नहीं है, उसके लिए रायबरेली कांग्रेस और यूपी की कांग्रेस में कोई जगह नहीं है। कांग्रेस में काम करना है, तो दिल से करना है और इसके लिए संघर्ष करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हार की समीक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी। जल्दी ही फिर यहां आऊंगी और एक-एक करके कार्यकर्ता व नेता से बात करूंगी।
प्रियंका वाड्रा के तेवर इसलिए तीखे रहे कि क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र का तूफानी दौरा करने के साथ न सिर्फ तमाम नुक्कड़ सभाएं की और गांव-गांव घूमी। इस दौरान एक नारा चर्चा में रहा कि सोनिया गांधी पांचवीं बार और पांच लाख के पार। इस नारे का उद्देश्य रहा कि इस बार सोनिया गांधी को पांच लाख से ज्यादा वोटों से जिताना है, लेकिन यह नारा चुनाव परिणाम आए तो बेमतलब साबित हुआ। इस वजह से प्रियंका के तेवर तीखे रहे।
प्रियंका को सीएम बनाने की मांग उठी
भुएमऊ गेस्ट हाऊस में प्रियंका वाड्र्रा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए हारे प्रत्याशियों व जिलाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान सभी से एक-एक करके बात की। इस दौरान 2022 में होने वाले चुनाव में प्रियंका वाड्रा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग भी उठाई गई। उनका कहना था कि सीएम का चेहरा बनने के बाद यूपी में कांग्रेस की जमीन मजबूत होगी और अपनी सरकार बनेगी। हालांकि इस संबंध में गांधी परिवार की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
खरी-खोटी सुनने के बाद कांग्रेसियों ने उड़ाई दावत
भुएमऊ गेस्ट हाऊस में एक तरफ जहां आभार समारोह में कांग्रेसियों ने गांधी परिवार की खरी खोटी सुनी, वहीं उसके बाद उन्होंने दावत भी उड़ाई। किसी ने पूड़ी, सब्जी, शाही पनीर का मजा लिया तो किसी ने तंदूरी रोटी और छोला खाया। किसी ने रसगुल्ला तो किसी ने आइसक्रीम का मजा लिया। भुएमऊ गेस्ट हाऊस में जिले के अलावा 40 जिलों से आए करीब तीन हजार से ज्यादा लोगों ने दावत उड़ाई। इस दौरान खाने के साथ इस बात की भी चर्चा होती रही कि अगर गांधी परिवार के यही तेवर रहे तो कांग्रेस को आने वाले चुनाव में सत्ता पाने से कोई नहीं रोक सकता।
खराब मौसम से नहीं उड़ा हवाई जहाज, सोनिया-प्रियंका लौटी
एक दिवसीय दौरे के बाद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका वाड्रा दिल्ली जाने के लिए भुएमऊ गेस्ट हाऊस से निकलकर फुरसतगंज एयरपोर्ट पहुंच गई। यहां पर खराब मौसम का हवाला दिया गया। बताया गया कि इस मौसम में हवाई जहाज उड़ पाना नामुकिन है। ऐसे में सोनिया और प्रियंका फिर वापस भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुंच गई। माना जा रहा है कि रात विश्राम के बाद गुरुवार की सुबह दोनों नेता दिल्ली रवाना होंगे।