साईबर धोखाधडी के मास्टर माइण्ड सहित 03 आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना देहरादून ने साईबर धोखाधडी के मास्टर माइण्ड सहित 03 अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार है। बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के पकड़े गये ये सदस्य चीनी और पाकिस्तानी एजेंटों के साथ काम करते थे। आरोपियों ने देहरादून निवासी एक पीड़ित के साथ लगभग 23 लाख रुपये की साइबर धोखाधडी की। एसटीएफ के मुताबिक आरोपियों के दुबई, चाईना व पाकिस्तान से कनेक्शन जुडे थे।
आरोपी के विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाईनेन्स एप्प, ट्रस्ट वालेट एप् के माध्यम से यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का लेनदेन प्रकाश में आया है। इन आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते, 06 मोबाइल फोन, 16 सिमकार्ड, 42 बैंक पासबुक/चौकबुक/डेबिट कार्ड आदि सामान बरामद हुआ है। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने भारत के विभिन्न राज्यों में कई लोगों को ठगा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मोहब्बेवाला, देहरादून निवासी पीडित ने माह जून-2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मुकदमा पंजीकृत कराया कि उसके द्वारा नौकरी के लिए आनलाईन नौकरी डॉट कॉम पर सर्च किया गया था। जिस पर अज्ञात साइबर ठगों द्वारा पीडित को व्हाट्सएप नं0 से फोन कर बताया कि उन्हें नौकरी डॉट काम से आपका रिज्यूम प्राप्त हुआ है। जिसके लिये पहले आपको रजिस्टेशन चार्ज 14,800/-रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
पीडित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इन्टरव्यू के लिए SKYIP से फोन आया तथा उनके द्वारा लगभग 1 घंटे तक टैक्निकल इन्टरव्यू लिया गया और उसके बाद दिनांक 22.11.2023 को फाईनल राउंड के लिए इन्टरव्यू लेने के बाद सलैक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वैरिफिकेशन, जॉब सिक्यिोरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा तथा IELTS exam आदि के नाम पर क्वीक सोल्यूशन (Quick Solution) आकाउंट में रुपये जमा कराये गये। इसके बाद शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया जिस कारण वीजा कैन्सिल किया जा रहा है तथा पीडित का पैसा 03 महीने में वापस करने की बात कही गयी। इसके बाद इसी प्रकार पीडित को अन्य व्हाट्सएप नं0 से पुनः कॉल आयी व coca cola uk as AVP (Operation) में वेकैन्सी होना बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इण्टरव्यू आदि दोहराकर शिकायतकर्ता से पुनः विभिन्न खातों में भुगतान कराकर कुल 22,96,000/- (बाईस लाख छियानवे हजार) रुपये की साईबर ठगी की गई।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री विकास भारद्वाज के सुपुर्द कर घटना के शीघ्र अनावरण हेतु गठित टीम को समुचित दिशा-निर्देश दिये गये, जिस पर कार्यवाही करते हुये साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर कार्यवाही करते हुये अभियोग के मास्टरमाइण्ड सहित 03 अभियुक्त गण अलमास आजम, अनस आजम व सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वैस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 06 मोबाईल फोन, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक ड़ेविट/क्रेड़िट कार्ड़ व 16 सिमकार्ड, पहचान पत्र आधार कार्ड व पैनकार्ड बरामद हुए है ।