केन्द्रीय आयुष मंत्री पहुंचे हरिद्वार, कहा-आयुष मिशन के तहत उत्तराखण्ड में स्थापित होगा 10 बेड का आयुष अस्पताल
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष, भारत सरकार श्री सर्वानन्द सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को अलकनन्दा घाट, हरिद्वार में आयुष एवं आयुुष शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ’’आयुष संवाद’’-उत्तराखण्ड आयुष-संसाधन एवं संभावनायें’’-कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का चहुमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि जब हम उत्तराखण्ड का 25वां स्थापना दिवस मनायेंगे, उस समय हमारा राज्य उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में हिन्दुस्तान का अग्रणी राज्य होगा, इसके लिये हम कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष, भारत सरकार से उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान खोले जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की उत्तराखण्ड राज्य से जो भी अपेक्षायें होंगीं, उन्हें हम पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक क्षेत्र में देश का नाम विश्व में रोशन किया है। उन्होंने काशी विश्वनाथ कारिडोर का उल्लेख करते हुये कहा कि यह अद्भुत कॉरिडोर बना है। अहिल्याबाई होल्कर जी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ के स्वरूप को संवारा है। उन्होंने केदारनाथ धाम व बद्रीनाथ धाम का उल्लेख करते हुये कहा कि केदारनाथ में 400 करोड़ रूपये की योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास हुये है तथा अप्रैल में केदारनाथ में तीसरे चरण के कार्यों की शुरूआत हो जायेगी। इसके अलावा बद्रीनाथ धाम के लिये 250 करोड़ रूपये की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसके लिये टेण्डर की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है।
सर्वानन्द सोनोवाल, केन्द्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये घोषणा की कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 10 बेड का आयुष हॉस्पिटल उत्तराखण्ड में स्थापित किया जायेगा, राज्य के प्रत्येक जिले में एक-एक मोबाइल आयुष यूनिट (आयुष रथ) संचालित किये जायेगे, राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राज्य में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जायेगी, राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत 50 बेड का यूनानी हॉस्पिटल स्थापित किया जायेगा, 100 आयुष वेलनेस सेण्टर स्थापित करने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी, नेशनल मेडिकल प्लांट्स बोर्ड की सहायता से 200 स्कूलों में हर्बल गार्डेन की स्थापना की जायेगी, नेशनल मेडिकल प्लांट्स बोर्ड की सहायता से उत्तराखण्ड के तेरह जिलों में तेरह नर्सरियों की स्थापना की जायेगी, मेडिकल प्लाण्ट्स आदि की अवस्थापना के लिये प्रत्येक वन पंचायत को 15 लाख की सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में मर्म चिकित्सा की व्यवस्था होगी तथा यह देश का प्रमुख केन्द्र बनेगा।
केन्द्रीय आयुष मंत्री ने बताया कि भारत सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को आयुष क्षेत्र के विकास के लिये सहायता दी जा रही है तथा उत्तराखण्ड को महत्वपूर्ण प्रदेश के रूप में विकसित करेंगे। प्रधानमंत्री जी दिन-रात कड़ी मेहनत व ईमानदारी से देश की सेवा में लगे हुये हैं, जिससे हमें भी प्रेरणा व मार्गदर्शन मिलता रहता है। उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली से हिन्दुस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत की बात करते हैं तथा उन्होंने हर वर्ग को साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि वे मेहनत व लगन से उत्तराखण्ड की जनता की सेवा मेें लगे है तथा उन्होंने अल्प समय में ही उत्तराखण्ड की जनता के दिलों में अपना स्थान बना लिया है।
उत्तराखण्ड के वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम, कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष, आयुष शिक्षा, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड महर्षि चरक ऋषि की धरती है। उत्तराखण्ड योग, आयुर्वेद, मां गंगा की धरती है। प्रधानमंत्री जी ने योग को अन्तर्राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया तथा आयुष मंत्रालय का गठन किया, जिसकी वजह से आज आयुष के क्षेत्र में काफी प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय में लोगों ने आयुष के महत्व को समझा। उन्होंने बताया कि आज 19 आयुर्वेदिक कॉलेज हैं, जिनमें 11 सौ सीटें हैं।
समारोह को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, डी० सैन्थिल पाण्डियन, संयुक्त सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा, भारत सरकार, प्रो0 सुनील कुमार जोशी, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने भी सम्बोधित किया।