September 22, 2024

PTCUL की बोर्ड बैठक में लिये गये 10 बड़े फैसले

देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा विभाग पिछले कुछ समय से राजस्व जुटाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है। ऐसे में एक तरफ यूपीसीएल उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को एक के बाद एक याचिका लगाकर बिजली के दाम बढ़ाने की मांग कर रहा है। वहीं, पिटकुल में भी कुछ नए और बड़े फैसले लिए गए हैं, जो निदेशक के अस्थाई पद से जुड़े हैं। साथ ही कुछ नई योजनाओं को लेकर भी हैं, जिन्हें पिटकुल की बोर्ड की बैठक में लाया गया है।

पिटकुल यानी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड की बोर्ड की बैठक में 10 बड़े फैसले लिए गए हैं। बोर्ड की बैठक में जहां पुराने निदेशक मंडल और ऑडिट कमिटी की बैठकों को लेकर अनुमोदन किया गया, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ नई योजनाओं को लेकर भी बजट का अनुमोदन दिया गया है। पिटकुल और एसएलडीसी का बजट पारित करते हुए रेवेन्यू बजट 360 करोड़ और कैपिटल बजट 275 करोड़ का अनुमोदन किया गया।

शासन की तरह ही पिटकुल में भी पति और पत्नी दोनों के एक ही आवास में रहने पर दोनों को ही मकान किराया भत्ता दिए जाने का फैसला लिया गया है। बोर्ड की बैठक में आईएएस पंकज कुमार पांडे और आर० मीनाक्षी सुंदरम को निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया। साथ ही निदेशक वित्त के तौर पर सुधाकर बडोनी को नियुक्ति दी गई है।

उधर, 132 केवी सिंगल सर्किट लाइन किच्छा से लालकुआं रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए 12 करोड़ 45 लाख 84 हजार रुपए के कार्य को आवंटन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। बोर्ड की बैठक में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी पॉलिसी का भी अनुमोदन किया गया।

इसके अलावा उत्तराखंड सरकार को ₹20 करोड़ की इक्विटी शेयर आवंटित किए गए। पिटकुल के साथ यूपीसीएल भी इन दिनों काफी सक्रिय दिखाई दे रहा है। खासतौर पर उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ाने के लिए लगातार यूपीसीएल की तरफ से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को याचिका दी जा रही है। ऐसा करने के पीछे यूपीसीएल का अपना तर्क है।

हालांकि, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से इस याचिका को खारिज कर दिया गया था। ऐसे में अब यूपीसीएल की तरफ से एक नई याचिका नियामक आयोग को भेजी गई है। जिसमें सरचार्ज यानी टैक्स बढ़ाने की मांग की गई है।

इसमें यूपीसीएल बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक सरचार्ज से राहत या मुक्त रखने की बात कह रहा है। लेकिन इसके अलावा सभी पर सरचार्ज बढ़ाने की याचिका लगाई गई है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से लिया जाएगा।


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