सुपर कंप्यूटिंग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है भारत, देश में 5 और सुपर कंप्यूटर को जल्द करेगा स्थापित
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत देश के 10 प्रमुख संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से ही स्थापित है जबकि 5 की स्थापना का कार्य अपने अंतिम चरण में है. इस क्रम में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु ने सबसे शक्तिशाली भारतीय सुपर कंप्यूटरों में से एक ‘परम प्रवेगा’ को स्थापित किया है. परम प्रवेगा में 3.3 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग शक्ति है, यह सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है. इसमें भारत का पहला स्वदेशी सर्वर प्लेटफॉर्म ‘रुद्र’ शामिल है, जो सभी सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों की एचपीसी आवश्यकताओं के साथ-साथ देश की रणनीतिक जरूरतों को पूरा कर सकता है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, इस साल नौ और सुपर कंप्यूटर IIT-बॉम्बे, IIT-मद्रास, IIT-पटना, IIT-दिल्ली, IUAC-दिल्ली, CDAC-पुणे, SNBNCBS, NCRA जैसे संस्थानों में और स्थापित किए जाएंगे. राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन अपने तीन चरणों में भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाकर 45 पेटाफ्लॉप करने की योजना बना रहा है, जिसमें 3 पेटाफ्लॉप क्षमता वाले तीन सिस्टम और 20 पेटाफ्लॉप क्षमता वाला एक सिस्टम शामिल होगा.
पेटाफ्लॉप्स एक सेकंड में कम से कम एक क्वाड्रिलियन (1,000 ट्रिलियन) वास्तविक संख्या जोड़ने की कंप्यूटिंग क्षमता है. इसका कंप्यूटर स्पीड एक साथ काम करने वाले 5,000-6,000 हाई-एंड लैपटॉप के बराबर है. वहीं मिशन के तीसरे चरण में स्वदेशी सर्वर नोड्स, इंटरकनेक्ट स्विच, स्टोरेज और सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक के डिजाइन और विकास को 85 प्रतिशत स्वदेशी विनिर्माण के साथ शुरू किया गया है.
सुपर कम्प्यूटर क्या होता है?
सुपर कम्प्यूटर आम कम्प्यूटर से काफी अलग होता है. सुपर कम्प्यूटर के कार्य करने की क्षमता आम कम्प्यूटर की तुलना में ज्यादा होती है. ऐसे कंप्यूटरों का उपयोग मुख्य रूप से वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग कार्यों के लिए किया गया है जिनमें अत्यधिक उच्च गति की गणना की आवश्यकता होती है. इनकी प्रोसेसिंग स्पीड नॉर्मल कंप्यूटर के मुकाबले हजारों गुणा अधिक होती है.