September 22, 2024

पदोन्नति से भरे जायं प्रधानाचार्यों के शत-प्रतिशत पदः डा० मांजिला

देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती के खिलाफ है। संघ ने प्रधानाचार्य की संघ के महामंत्री डा़० सोहन सिंह मंजिला ने कहा कि प्रधानाचार्य पद शैक्षणिक संवर्ग में सर्वाेच्च पद है और इस पर सीधी भर्ती किया जाना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाईस्कूल और इण्टर कालेजों में कार्यरत् प्रधानाचार्य के सेवा हितों के संरक्षण के लिए पृथक प्रधानाचार्य परिषद् गठित है। लिहाजा इस प्रधानाचायों की सीधी भर्ती के विषय पर प्रधानाचार्य परिषद् का मंतव्य भी महत्वपूर्ण हैं।

बता दें कि प्रदेश भर के 1386 इण्टर कालों में प्रधानाचार्य के कुल सृजित पद हैं लेकिन अभी तक इण्टर कालेजों में केवल 445 पद ही भरें गये हैं। जबकि 941 इण्टर कालेज बिना प्रधानाचार्य के चल रहे हैं। यही सूरत प्रदेश के हाईस्कूल की भी हैं। जहां हाईस्कूलों में 911 प्रधानाध्यापक के पद सृजित है लेकिन फिलहाल महज 253 स्कूलों में प्रधानाध्यपक हैं। जबकि अभी विभाग में 658 प्रधानाध्यापक के पद रिक्त है।

प्रदेश में बड़ी तादाद में प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के खाली पड़े पदों के चलते शैक्षणिक क्रिया-कलाप और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिसका सीधा असर प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य पर पड़ रहा है।

डा० माजिला ने कहा कि शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए तत्काल प्रधानाचार्य और प्रधानाध्ययापकों के पद पर डीपीसी कर पदोन्नति की जाए। उन्होंने प्रचलि सेवा नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानाचार्य के पद शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरें जाए।

गौरतलब है कि सरकार ने नौ सितम्बर की कैबिनेट बैठक में प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय किया था। इसके बाद 15 सितंबर को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से भर्ती प्रक्रिया के मानक तय करते हुए संशोधित नियमावली जारी कर दी गई। शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद विभागीय मंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्य परिषद् एवं राजकीय शिक्षक संघ से प्रस्ताव मांगने शुरू किए है।


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