September 22, 2024

17 OBC जातियां SC में: मोदी सरकार ने योगी सरकार के फैसले को बताया गैरकानूनी

नरेंद्र मोदी सरकार ने योगी आदित्यनाथ सरकार के उस फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है, जिसके तहत 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश दिया है. राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि वह यूपी सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है, क्योंकि ये कानूनी रूप से उचित नहीं है. केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है क्योंकि यह संसद का विशेषाधिकार है और यह किसी भी विधि न्यायालय में मान्य नहीं है. हम योगी सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करेंगे.

दरअसल बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को राज्यसभा के शून्यकाल में यूपी की 17 जातियों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जाति की लिस्ट में डालने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यूपी सरकार ने तीन दिन पहले इन 17 जातियों को ओबीसी की लिस्ट से बाहर कर दिया और अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट देने के लिए कहा गया है जो कि पूरी तरह से गैर संवैधानिक है.

मिश्रा ने कहा कि यह इन 17 जातियों के साथ धोखा है क्योंकि यह जातियां ओबीसी से भी हट गईं और अनुसूचित दायरे में बिन संविधान में बदलाव किए आ नहीं सकतीं. बसपा सांसद ने मांग की संविधान के तहत इन जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्जा दिया जाए और यूपी सरकार को केंद्र आदेश वापस लेने के लिए एडवाइजरी जारी करे.

सतीश चंद्र मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री थवरचंद गहलोत ने कहा कि किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है. अगर यूपी सरकार ने इन जातियों को ओबीसी से एससी में लाना चाहती है तो उसके लिए प्रक्रिया है और राज्य सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजेगी तो हम उस पर विचार करेंगे. लेकिन अभी जो आदेश जारी किया है वह संवैधानिक नहीं है, क्योंकि अगर कोई कोर्ट में जाएगा तो वह आदेश निरस्त होगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश जारी किया था. इनमें 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, वाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआरा शामिल हैं.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com