शी जिनपिंग के न्योते पर पीएम मोदी चौथी बार पहुंचेंगे चीन, 27 से 28 अप्रैल हूपेइ प्रांत के वूहान शहर में अनौपचारिक वार्ता करेंगे
22 अप्रैल को चीनी स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री वांग यी ने पेइचिंग में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ वार्ता करने के बाद हुई संयुक्त प्रेस वार्ता में घोषणा की कि दो पक्षों के विचार विमर्श के बाद यह तय हुआ है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 27 से 28 अप्रैल हूपेइ प्रांत के वूहान शहर में अनौपचारिक वार्ता करेंगे ।
वांग यी ने कहा कि दो देशों के नेता वर्तमान विश्व परिस्थिति में आये बड़े बदलाव पर रणनीतिक संपर्क करेंगे और चीन भारत संबंधों के भावी विकास में समग्र ,दीर्घकालिक और रणनीतिक मुद्दों पर रायों का आदान प्रदान करेंगे ।
वांग यी ने कहा कि चीन और भारत प्राकृतिक साझेदार हैं ।दोनों देशों के समान हित मतभेदों से काफी ज्यादा हैं ।पीढ़ी दर पीढी मैत्री ,पारस्परिक लाभ व सहयोग और समान विकास दो देशों का अनिवार्य विकल्प है ।
वांग यी ने कहा कि शी चिनफिंग और मोदी की अनौपचारिक वार्ता दो देशों के नेताओं के पारस्परिक विश्वास को मजबूत करेगी ,विश्व परिस्थिति और चीन भारत संबंधों पर रणनीतिक फैसला करेंगे ,चीन भारत संबंधों की मुख्य दिशा का मार्गदर्शन करेंगे ,नया लक्ष्य स्थापित कर नयी स्थिति रचेंगे ।यह न सिर्फ दोनों देशों और उन की जनता को कल्याण लाएगी ,बल्कि क्षेत्रीय और विश्व शांति व विकास पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव डालेगी ।
सुषमा स्वराज ने वांग यी की बात पर पूरी सहमति जतायी ।उन्होंने कहा कि दो बड़े देशों और नवोदित आर्थिक समुदायों के नाते दो देशों के संबंधों की स्थिरता क्षेत्रीय और विश्व शांति व विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।चीन और भारत की समानताएं मतभेदों से काफी अधिक हैं ।हमें समानताओं का विस्तार करने के साथ मतभदों का समुचित निपटारा करना और दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य योजना ढूंढना चाहिए ।