43 साल बाद ऐसे तूफान ने दी दस्तक, ओडिशा में तबाही मचा सकता है ‘फानी’
भीषण चक्रवाती तूफान फानी ओडिशा की तरफ तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि यह शुक्रवार दोपहर तक ओडिशा के तट से टकरा सकता है. चक्रवाती तूफान ओडिशा में तबाही मचा सकता है. फानी तूफान को लेकर ओडिशा के साथ तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में एडवाइजरी जारी की गई है.
तूफान के दस्तक के दौरान समुद्र में डेढ़ मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें उठ सकती हैं, वहीं पुरी, खोरधा, कटक और जगतसिंहपुर जिलों में मूसलाधार बारिश होने और 175 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चलने का पूर्वानुमान है. ओडिशा के अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी इस तूफान का असर पड़ने की आशंका है.
भारतीय मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक फानी 43 सालों में भारतीय समुद्री क्षेत्र में अप्रैल में बनने वाला इस तरह का पहला चक्रवाती तूफान है. गर्मियों के दौरान इस तरह के चक्रवाती तूफान का आना बहुत कम होता है क्योंकि सितंबर-नवंबर में मानसून के बाद आमतौर पर घटना देखी जाती है.
वहीं संयुक्त तूफान चेतावनी केंद्र की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद फानी सबसे खतरनाक चक्रवात माना जा रहा है, जिसके 3 मई को दोपहर बाद जगन्नाथ पुरी से गुजरने की आशंका है. इस दौरान हवा की रफ्तार 175-200 किलोमीटर प्रतिघंटे के आसपास रहने की उम्मीद है.
भीषण चक्रवाती तूफान फानी के शुक्रवार को ओडिशा के पुरी में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की टीम को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है.
डिशा में चक्रवाती तूफान फानी की वजह से तटीय जिलों में रह रहे लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है.
नौसेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल को किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हाईअलर्ट पर रखा गया है.
उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया है, क्योंकि तूफान फानी के दौरान तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका है. वहीं 2 और 3 मई को बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ विजयनगरम जिले से सटे विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी जिलों में भारी बारिश का अनुमान है.
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है. साथ ही राज्यों ने मछुआरों को समुद्र में ना उतरने की एडवायजरी भी जारी की है. तूफान के दौरान समुद्र में डेढ़ मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें उठ सकती हैं.
पुरी के तट पर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने फानी तूफान को अपनी कलाकृति के जरिए दर्शाया है. बता दें कि सुदर्शन पटनायक का नाम अपनी कला के लिए पूरी दुनिया में रोशन है. कला के लिए पटनायक को कई पुरस्कार मिल चुके हैं. सुदर्शन को उनकी कला के लिए साल 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था.
बता दें कि साइक्लोन पश्चिमी प्रशांत महासागर और भारत के पास बंगाल के आसपास उठने वाला चक्रवाती तूफान हैं. साइक्लोन समंदर में उस जगह से उठता है जहां पर तापमान अन्य जगहों के मुकाबले ज्यादा होता है.