61 लाख आईएचएचएल शौचालय और 5.6 सामुदायिक शौचालयों का काम पूरा, लक्ष्य हुआ पार।
नई दिल्ली। आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि 35 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के शहरी इलाके खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं (पश्चिम बंगाल के कुछ यूएलबी को छोड़कर सभी राज्य/संघ शासित प्रदेश) और कुल मिलाकर 4,320 शहर खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित कर चुके हैं, जिनमें से 4,166 शहरों को तृतीय पक्ष के सत्यापन के जरिये प्रमाणित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 61 लाख निजी शौचालयों और 5.6 लाख सामुदायिक शौचालयों का काम पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य से अधिक है। आज देश के 96 प्रतिशत वार्डों को घर-घर से कचरा एकत्र करने के काम में शामिल किया गया है, जबकि 73 प्रतिशत वार्ड स्रोत पर अलग करने, 60 प्रतिशत कचरे को वैज्ञानिक प्रक्रिया से अलग किया जा रहा है। श्रीपुरी आवास और शहरी कार्य मंत्रालय से संबंध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को आज नई दिल्ली में संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने सलाहकार समिति के सदस्यों का स्वागत किया और उन्हें बताया कि सरकार कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत), स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम), स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), विरासत शहर विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय) और मेट्रो रेल को लागू कर रही है। ये एक दूसरे के पूरक हैं और इनसे हमारे शहरों का सर्वांगीण विकास करने में मदद मिलेगी। बैठक में सांसद एम. वी.वी. सत्यनारायण, रामचरण वोहरा, अबीर रंजन बिस्वास, राजमणि पटेल, के.टी.एस. तुलसी और संजय सिंह शामिल हुए। बैठक में मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। दुर्गा शंकर मिश्रा ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के विभिन्न मिशनों की जानकारी दी।