जल संवर्द्धन के प्रति सचेत होने की आवश्यकताः मुख्यमंत्री
झाझरा स्थित विज्ञान धाम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 13वीं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकांे और शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल संवर्द्धन के प्रति हमें अभी से सचेत होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हमारे सामने पर्यावरण एवं जैव विविधता को बचाये रखने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने भविष्य में पानी की जरूरतों को पूरा करने की भी चुनौती है। इसके लिये वर्षा जल संग्रहण की दिशा में हमें सोचना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिथौरागढ़, पौड़ी के साथ ही देहरादून में जलाशय बनाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि नदियों के प्रवाह को बनाये रखना भी हमारे लिये चुनौती है। इस चुनौती का सामना हम वर्षा जल संग्रहण के साथ ही व्यापक स्तर पर जलाशयों के निर्माण से कर सकते हैं। इससे हम ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति करने के साथ ही प्राकृतिक जल श्रोतों को रिचार्ज करने में भी सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की जल जरूरतों को पूरा करने के लिये वाटर काॅरपस बनाया जाना भी समय की जरूरत है।