September 23, 2024

कांग्रेस को झटका, राशिद अल्वी बोले- नहीं लडूंगा चुनाव, सचिन चौधरी को मिला टिकट

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता राशिद अल्वी ने सोमवार को कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों की वजह से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की सूचना पार्टी आलाकमान को भेज दी है. राशिद अल्वी अमरोहा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. इसके बाद कांग्रेस ने सचिन चौधरी को अमरोहा का नया उम्मीदवार बनाया है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस की पहली सूची में नाम नहीं होने की वजह से राशिद अल्वी नाराज चल रहे थे. उनका नाम पार्टी की 8वीं सूची में आया था. अमरोहा सीट से भाजपा ने कंवर सिंह तंवर और बसपा ने दानिश अली को मैदान में उतारा है. इस लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद किसी उम्मीदवार ने अपना नाम मैदान से वापस लिया है.

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता राशिद अल्वी 1999 से 2004 तक सांसद रहे. इसके अलावा दो बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी का किला फतह करने के लिए कुछ 6 समितियां बनाई थीं. इन समितियों में कुल 92 लोग हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिन छह समितियों के गठन को मंजूरी दी है, उनमें चुनाव समिति, प्रचार अभियान समिति, चुनाव रणनीति और योजना समिति, समन्वय समिति, घोषणापत्र समिति और मीडिया एवं प्रचार समिति शामिल है.

राशिद अल्वी मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन बनाए गए थे

कांग्रेस अध्यक्ष ने राशिद अल्वी को मैनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन बनाया है. इस कमेटी में कुल 10 सदस्य हैं. इनमें पूर्व मंत्री प्रदीप जैन, पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, पूर्व एमपी बृजलाल खाबरी, पूर्व विधायक गजराज सिंह और हफीजुर्रहमान, पूर्व एमएलसी हरेंद्र अग्रवाल, रिसर्च विभाग के संयुक्त सचिव हर्षवर्धन श्याम, प्रदेश यूथ कांग्रेस (पूर्वी जोन) के अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी और एनएसयूआई पश्चिम जोन के अध्यक्ष रोहित राणा शामिल हैं.

पश्चिमी यूपी की चार सीटों पर कांग्रेस ने उतारे मुस्लिम प्रत्याशी

कांग्रेस ने अपने मुस्लिम प्रत्याशियों के जरिए सपा-बसपा गठजोड़ का करारा जवाब दिया था. कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर और अमरोहा चार ऐसे लोकसभा क्षेत्र हैं, जहां से कांग्रेस ने मुस्लिम चेहरों को मौका दिया है. मुरादाबाद से इमरान प्रतापगढ़ी, बिजनौर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी, सहारनपुर से इमरान मसूद और अमरोहा से राशिद अलवी को टिकट दिया गया है. ये चारों सिर्फ प्रत्याशी भर नहीं हैं, बल्कि इनकी अपनी अलग खास पहचान भी है. अब इनमें से एक राशिद अल्वी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी पूरे देश में अपनी पहचान रखते हैं.

राशिद के चुनाव नहीं लड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका

अब तक मायावाती लगातार कांग्रेस पर हमले कर रही थीं. इसके जवाब में कांग्रेस ने चार मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतार दिए थे. राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो जिन लोकसभा सीटों पर 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है, और वहां गठबंधन का कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है, वहां कांग्रेस ने अपने मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की रणनीति अपनाई है. लेकिन राशिद अगर चुनाव नहीं लड़ेंगे तो मायावती की पार्टी बसपा के अमरोहा प्रत्याशी दानिश अली के जीतने की उम्मीद बढ़ जाएंगी. पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों वाली रणनीति सपा-बसपा गठबंधन को नुकसान पहुंचाने वाली थी, लेकिन अब राशिद अल्वी के जाने के बाद गठबंधन को अच्छा मौका मिल सकता है.

चारों सीटों पर मुस्लिम मतदाता सबसे बड़ा निर्णायक

पश्चिमी यूपी के चारों लोकसभा क्षेत्रों में मुसलमान वोट न सिर्फ निर्णायक भूमिका में है, बल्कि वह नेतृत्व करता भी नजर आता है. मुरादाबाद सीट पर 45 फीसदी, बिजनौर सीट पर 38 फीसदी, सहारनपुर सीट पर 39 फीसदी और अमरोहा सीट 37 फीसदी मुसलमान है.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com