वाह रे उत्तराखंड! चौकीदार के राज में मार खाती मित्र पुलिस
काशीपुरः उत्तराखंड में माफियाओं पर लगाम लगने की बजाय, उनके हौसले बुलंद है। इसकी वहज उन्हें नेताओं का संरक्षण प्राप्त होना है। ऐसा ही एक मामला काशीपुर के कुंडेश्वरी पुलिस
चौकी का है। जहां खनन माफियाओं ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के सामने ही चैकी इंचार्ज को पीट डाला। ये हाल तब है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चौकीदार अभियान को देखकर हर मंत्री अपने नाम के आगे चौकीदार लगा रहा है। ऐसे में ये चौकीदार असली चौकीदार से भिड़ कर क्या संदेश देना चाहते हैं।
सत्ता की हनक भाजपाइयों के सिर किस कदर सिर चढ़कर बोल रही है, इसकी बानगी काशीपुर के कुंडेश्वरी पुलिस चौकी में देखने को मिली। शिक्षामंत्री व क्षेत्रीय विधायक अरविंद पांडेय की मौजूदगी में खनन कारोबारियों ने कुंडेश्वरी पुलिस चौकी इंचार्ज से न सिर्फ गाली-गलौज की बल्कि उनकी पिटाई भी कर डाली। खुद को लाचार देख चौकी इंचार्ज ने शौचालय में बंद होकर अपनी जान बचाई। सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे सीओ और कोतवाल भी शिक्षामंत्री को देख लाचार हो गए। आधा घंटे चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत भी शिक्षामंत्री की मान-मनौव्वल के बाद हुआ।
राज्य में खनन कारोबारी के हौसले इतने बुलंद हैं कि इन्होंने शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय से मिलकर कहा कि चौकी इंचार्ज अर्जुन गिरी गोस्वामी क्षेत्र में तानाशाही कर रहे हैं। मनमाने तरीके से अंडरलोड वाहनों को सीज कर रहे हैं तो किसी भी वाहन चालक को पकड़कर पीट दे रहे हैं। यह सुन शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय समर्थकों और कारोबारियों के साथ चौकी आ धमके। जैसे ही शिक्षामंत्री
चौकी पहुंचे कि वहां मौजूद चौकी इंचार्ज गोस्वामी पर तेजी से भड़क उठे। मंत्री को भड़कते देख खनन कारोबारी भी आपा खो बैठे और चौकी इंचार्ज से गाली-गलौज करने लगे। स्थिति तब और विकराल हो गई जब कारोबारियों ने चौकी इंचार्ज अर्जुन गोस्वामी को पीटना शुरू कर दिया। घबराया चौकी इंचार्ज दौड़कर आॅफिस में बने शौचालय में जाकर बंद हो गया। एसआइ अर्जुन तब शौचालय से बाहर निकले जब सीओ मनोज कुमार ठाकुर और कोतवाल चंचल शर्मा भारी पुलिस फोर्स के साथ चैकी पहुंचे।
हालांकि शिक्षामंत्री की मौजूदगी देख सीओ ठाकुर और कोतवाल शर्मा के तेवर भी ढीले पड़ गए और खनन कारोबारियों को चैकी से बाहर करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। सीओ और कोतवाल काफी देर तक शिक्षामंत्री को मनाते रहे, तब जाकर मामला शांत हुआ।