बड़ी ख़बरः जनरल के आगे कर्नल का समर्पण, क्या इतिहास बन जायेंगे कोठियाल?
देहरादूनः सियासी मैदान में कदमताल करने पर अमादा कर्नल अजय कोठियाल अचानक चुनावी मोर्चे से यूं ही नहीं हटे बल्कि कर्नल के समर्पण के पीछे जनरल खंडूडी का हुक्म था। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज कर्नल ने पौड़ी संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इसके पीछे उनके समर्थकों के साथ-साथ पूर्व फौजी और कुछ पत्रकारों का दबाव था। जिसे कर्नल द्वारा स्वीकार किया जा चुका था। कर्नल ने बकायदा मीडिया में भी बयान जारी किया कि वह किसी राष्ट्रीय पार्टी के मोहताज नहीं है। बल्कि अपने किये काम और जनता के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव लड़कर संसद पहुंचना चाहते हैं।
कर्नल के इस बयान से बुर्जुग जनरल के कान खड़े हुए। खंडूडी कर्नल के इस फैसले से घबरा गये। चूंकि कर्नल के निर्दलीय मैदान में ताल ठोकने से फौजी वोटों का धु्रवीकरण होना तय था। इसके अलावा पौड़ी संसदीय सीट पर दो ब्राह्मण चेहरों के उतरने से ब्राह्मण वोटों का भी विभाजन होना था। ऐसे में जनरल खंडूडी ने कर्नल को हुक्म तामील किया कि वह लोकसभा चुनाव न लड़ें। बल्कि राज्य में एक नई क्षेत्रीय पार्टी का गठन कर अपने आप को मजबूत करें।
बुर्जुग जनरल के सिपाहसलारों ने कर्नल कोठियाल को समझाया कि अगर वह पौड़ी लोकसभा सीट से उतरते हैं तो वह खंडूडी के बुने ताने बाने को खत्म कर देंगे और उनके बेटे मनीष खंडूडी की हार से उनकी महत्वकांक्षा हमेशा के लिए धरी की धरी रह जायेगी। दरअसल खंडूडी अपने बेटे के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं बना पाये ऐसे में वह बेटे को पौड़ी संसदीय सीट से जिता कर उसे कांग्रेस में स्थापित करना चाहते हैं।
कर्नल के इस बयान से बुर्जुग जनरल के कान खड़े हुए
जनरल खंडूडी के इस भावनात्मक हुक्म से कर्नल कोठियाल को सोचने पर मजबूर कर दिया। लिहाजा ऐन वक्त पर कोठियाल ने लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर डाला। सूत्रों का यह भी कहना है कि जनरल खंडूडी से कर्नल कोठियाल की बकायदा मुलाकात भी करवाई गई। इस मुलाकात में बी.सी. खंडूडी ने कर्नल अजय कोठियाल को यह आश्वासन भी दिया कि अगर वह अभी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उन्हें विधानसभा चुनाव में इसका ईनाम मिलेगा। कर्नल कोठियाल को यह दिलासा दी गई कि उन्हें उनकी पसंदीदा केदारनाथ सीट या फिर किसी अन्य विधानसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी बना कर चुनावी मैदान में उतारा जायेगा। जनरल के इस आश्वासन से खुश कर्नल कोठियाल ने अप्रत्यक्ष रूप से मनीष खंडूडी का चुनाव में सहयोग करने का वचन दिया। यही वजह है कि कर्नल कोठियाल के साथ रात-दिन एक करने वाले जय हो ग्रुप सहित कई छात्रों नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा और मनीष खंडूडी के नामांकन में भीड़ इकट्ठा कर कर्नल की ताकत का एहसास करवाया।
खैर कर्नल अजय कोठियाल ने अपने जनरल की बात मान कर चुनाव न लड़ने का ऐलान तो कर दिया । लेकिन देखना अब यह है कि कर्नल कोठियाल मनीष खंडूडी की चुनाव में कितनी मदद कर पाते हैं। दूसरा अगर मनीष इस चुनाव में जीत जाते हैं तो क्या जनरल बी.सी. खंडूडी अपने कर्नल को कांग्रेस से टिकट दिला पायेंगे या फिर जनरल अपना पुराना इतिहास दोहरा कर टी.पी.रावत जैसे दिग्गजों की तरह कर्नल को भी राजनीतिक हाशिये पर डाल देंगे।