September 22, 2024

सैन्य उपग्रह EMISAT का सफल प्रक्षेपण, अब बॉर्डर पर राडार और सेंसर पर निगरानी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहली बार तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित करने वाले पीएसएलवी-सी 45का सोमवार सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सफल प्रक्षेपण किया जिसके साथ प्राथमिक उपग्रह एमिसैट तथा अन्य विदेशी नैनो उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-45 अपने 47 वें अभियान में  दूसरे लांच पैड से उडान भरी।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा PSLVC45 इसरो के लिए एक माइलस्टोन है। यह न केवल हमारे अपने उपग्रह बल्कि अन्य देशों के उपग्रहों को लॉन्च किया है। इस मिशन की विशिष्टता यह है कि ये 3 अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रह रखने जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह हमेशा की तरह 100 फीसदी सफलता प्राप्त करेगा।

प्रक्षेपण अधिकृत बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद शनिवार सुबह इस मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई और पूरे 27 घंटे की उल्टी गिनती के बाद पीएसएलवी-सी 45 ने अपने 47 वें मिशन के तहत आज निर्धारित समय पर सफल उड़ान भरी। इसरो और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इस  उपग्रह को बनाया है। इससे सीमा पर राडार और सेंसर पर नजर रखने के साथ- साथ इलेक्ट्रॉनिक नक्शा भी आसानी से बनाया जा सकेगा। 

एमिसैट का वजन 436 किलोग्राम है और इसका मकसद विद्युत चुंबकीय स्पैक्ट्रम को मापना है। यह रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का ‘इलैक्ट्रानिक इंटेलीजेंस’ उपग्रह है और 28 नैनो उपग्रह लिथुआनिया, स्पेन, स्विटजरलैंड तथा अमेरिका के हैं जिनका प्रक्षेपण वाणिज्यिक कार्यक्रम के तहत किया गया। इसके अलावा पीएसएलवी अपने साथ तीन प्रायोगिक पे लोड भी ले गया। 


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