दून विश्वविद्यालय में बवाल, सेक्सुअल हरासमेंट के आरोपी को बैकडोर एंट्री
देहरादूनः दून विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र परिषद एक बार फिर आमने सामने है। विश्वविद्यालय की छात्र परिषद ने प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। छात्र परिषद ने स्कूल आॅफ मैनेजमेंट में संविदा पर नियुक्त किये शिक्षक का कड़ा विरोध किया। परिषद ने ऐसे शिक्षक की पुनर्नियुक्ति पर सवाल उठाये जिस पर सेक्सुअल हरासमेंट, छात्रों को धमकाना और कैंपस में बाहरी लोगों से राजनीति करवाने के गंभीर आरोप है।
दून विश्विद्यालय में छात्र परिषद ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल आॅफ मैनेजमेंट में संविदा पर एस.के. दादर की पुनर्नियुक्ति सरासर गलत है। छात्र परिषद का आरोप है कि शिक्षक दादर हमेशा विवादों में रहे। छात्रों का कहना है कि शिक्षक विश्वविद्यालय में संविदा पर नियुक्ति है लेकिन वह असिस्टेंट प्रोफेसर की न्यूनतम योग्यता भी नहीं रखते। जिसका पूर्व में छात्र परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष विरोध भी जताया। जिस पर विवि प्रशासन ने एक्शन लेकर शिक्षक दादर को बाहर कर दिया था। इतना ही नहीं छात्रों का कहना है कि उक्त शिक्षक पर कई गंभीर आरोप भी है। जिसमें सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में भी शिक्षक के खिलाफ जांच की गई। जिसमें शिक्षक दोषी पाया गया। इसके बावजूद भी विवि प्रशासन द्वारा ऐसे शिक्षक को पुनर्नियुक्ति दी जानी संदेह के घेरे में है।
वहीं छात्र परिषद ने अपना पक्ष रखते हुए विवि प्रशासन को लिखित शिकायत की थी जिसमें दादर को लेकर छात्रों ने पहले ही आपत्ति दर्ज की थी। वहीं छात्र परिषद का कहना है कि यह वही शिक्षक है जिनके ऊपर छात्रों को धमकाने, जान माल का नुकसान करने तथा कैंपस में बाहरी लोगों से राजनीति करने के तमाम आरोप हैं। उधर उच्च शिक्षा सचिव द्वारा छात्र हित को अनदेखा करते हुए तुगलकी फरमान जारी कर दादर को पुनः संविदा में नियुक्ति देने का आदेश दून विश्वविद्यलय को दिया गया है। जिससे नाराज होकर छात्र परिषद ने कुलपति, कुलसचिव तथा उप कुलसचिव के समक्ष विरोध जताया साथ ही छात्र परिषद ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर दादर को विश्वविद्यालय में नियुक्ति दी गई तो परिषद उग्र आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेदारी दून विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।