सरकार की योजना, घर के किराए से सस्ती हो होम लोन की EMI : अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ब्याज दरों में इतनी कटौती करना चाहती है जिससे होम लोन की मासिक किश्त घर के किराए से कम हो जाए। कल रिजर्व बैंक ने दो महीनों में दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि आरबीआई के रेपो रेट कम करने का फायदा बैंक ब्याज दर कम करके ग्राहकों को पास करेंगे। बैंक अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) का रिव्यू करेंगे। एससीएलआर आरबीआई की विकसित की गई एक पॉलिसी है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं। एमसीएलआर की गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और कैश रिजर्व अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। आधार दर से एमसीएलआर की दर कम होने की वजह से होम लोन, कार लोन आदि लोन सस्ते होते हैं। जेटली ने कहा कि हमें बैंकों के फैसले का इंतजार करना होगा और कुछ समय बाद यह नजर आएगा।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक समीक्षा के दौरान लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया। नीतिगत ब्याज दर या रेपो दर के घटकर छह फीसदी पर आने से बैंकों की उधार लेने की लागत कम होगी। उम्मीद है कि बैंक इस राहत को ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे। इससे बैंक भी ग्राहकों के लिए कर्ज की दरें घटा सकते हैं और आपका होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन सस्ता हो सकता है।
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। इससे पहले आरबीआई ने फरवरी में भी ब्याज दर 0.25 फीसदी की कटौती की थी।
जेटली ने अपने इंटरव्यू में कहा कि जब अटल बिहारी वाजपयी प्रधानमंत्री थे तो होम लोन इतना सस्ता हो गया था कि ईएमआई की लागत घर के किराए की तुलना में कम थी। रेपो रेट में कटौती का फायदा बैंक कस्टमर को देने से हिचकिचाते हैं इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि उनके अपने तरीके हैं जिसकी वजह से वह कोई भी परिवर्तन तुरंत नहीं कर पाते लेकिन कुछ समय बाद वह इसे जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वह बैंकों के साथ परामर्श कर बदलाव की पॉलिसी लेकर आएं हैं।