सीएम को भेंट की श्रीबदरीनाथ की आरती की पांडुलिपि, धन सिंह बर्त्वाल हैं इसके मूल रचनाकार

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देहरादूनः श्रीबदरीनाथ जी की आरती की पांडुलिपि को आज इसके मूल रचनाकार स्वर्गीय धन सिंह बर्त्वाल के परिजनों ने मुख्यमंत्री को सप्रेम भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से बदरीनाथ मंदिर में गाये जाने वाली आरती के मूल रचनाकार को लेकर संशय बना हुआ था। लेकिन कार्बन डेटिंग से स्पष्ट हो गया है कि यह आरती स्व. धन सिंह बर्त्वाल द्वारा लिखी गई। उन्होंने कहा कि इससे यह भी साबित हो गया है कि हमारे पूर्वज उस समय भी जगारूक थे।

पांडुलिपि भेंट किये जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वर्गीय धन सिंह बर्त्वाल के परिजनों की खासी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतनी दुर्भल पांडुलिपि को सहेज कर रखना आश्चर्य की बात है। सीएम ने कहा कि पुरातन संपदा को सहेज के लिए वह बर्त्वाल परिवार की प्रशंसा करते हैं। उन्हांने कहा कि इस पांडुलिपि ने उन तमाम अनावश्यक बातों का स्वयं ही खंडन कर दिया है जो कपोल कल्पना थी।

स्व. श्री धन सिंह बर्त्वाल के परपोते श्री महेन्द्र बर्त्वाल ने बताया कि उनके गांव स्युपुरी सतेरा में उनके घर में पाण्डुलिपि एक रिंगाल की कण्डी में मिली। जिसमें सन् 1881 ( 10 गते माघ सम्वत् 1938) में उनके परदादा द्वारा लिखी गई। श्री बदरीनाथ जी की आरती की पाण्डुलिपि मिलने पर उन्हें अपार खुशी हुई। इस पाण्डुलिपि में श्री बदरीनाथ जी की आरती के 11 पद हैं। यूसैक के निदेशक श्री एम.पी.एस बिष्ट ने कहा कि पाण्डुलिपि की कार्बन डेटिंग कराई गई है। जिससे स्पष्ट हो गया है कि श्रीबदरीनाथ जी की आरती के मूल रचनाकार स्व. धन सिंह बर्त्वाल जी हैं। इस अवसर पर विधायक श्री महेन्द्र भट्ट, श्री गम्भीर सिंह बिष्ट, डा. सुनील डिमरी आदि उपस्थित थे।

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