बड़ी ख़बरःमैं दिल से रो रहा हूं: वन मंत्री हरक सिंह रावत
लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग का निर्माण रोके जाने के नाराज वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया। ओमप्रकाश पर सड़क निर्माण रुकवाने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए हरक ने साफ चेतावनी दी कि यदि सड़क का काम शुरू न हुआ तो वो मंत्री पद छोड़ सड़क पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। यमुना कॉलोनी स्थित अपने सरकारी आवास में गुरुवार को मीडिया के साथ बातचीत में हरक, अपर मुख्य सचिव और वन अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मैंने अपर मुख्य सचिव को साफ कह दिया है, यदि चिल्लरखाल मार्ग पर काम शुरू न हुआ तो लड़ाई बहुत खराब हो जाएगी। इसके लिए मुझे कोई कुर्बानी देनी पड़े या कुर्बानी लेनी पड़े, तो मैं हिचकूंगा नहीं।
हरक ने सवाल उठाया-यदि सड़क वन-पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील थी तो अफसरों ने पहले इस पर कार्यवाही क्यों की? इसकी फाइल क्यों चलवाई? यदि अफसर अब सही हैं तो पहले गलत क्यों किया? जिस डीएफओ की रिपोर्ट पर सड़क रोकी गई, उसी ने पहले इसके पक्ष में रिपोर्ट दी थी। हरक ने जोर देते हुए कहा कि ऐसे भी सब अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड किया जाना चाहिए। पीसीसीएफ जयराज पर भी हरक ने सवाल उठाया। कहा कि वन्यजीवों के नाम पर सड़क को रुकवाया जा रहा है। ये अफसर वन्यजीवों के बहुत हिमायती बनते हैं। आज जब जंगल की आग में वन्यजीव जलकर मर रहे हैं और जयराज विदेश चला गया।
लालढांग से चिल्लरखाल तक करीब 11 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण हो रहा है। इसका ठेका लोक निर्माण विभाग के पास है। कुछ दिन पहले नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने इस मामले में वन विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें कहा गया कि इसमें एनटीसीए की गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया। इसके तहत इसे नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड में पास कराना चाहिए था जो नहीं कराया गया। इसके बाद डीएफओ लैंसडौन वैभव कुमार ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर काम रुकवा दिया। जबकि वहां करीब तीन किलोमीटर सड़क और कुछ पुलों का निर्माण अधूरा है।
इस सड़क के रुकने से मैं बहुत दुखी हूं। मैं दिल से रो रहा हूं। यह सड़क विधिवत रूप से वन विभाग से लोनिवि को ट्रांसफर हुई थी। अफसर जानबूझकर काम लटकाने की साजिश रचते हैं। पर, अब हरक सिंह रुकने वाला नहीं है। इस सड़क के लिए मुझे 1000 बार भी मंत्री पद छोड़ना पड़ा तो छोड़ दूंगा।