योगी का कड़ा संदेश: तीन दिन से ज्यादा रोकी फाइल तो होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सख्त लहजे में कहा है कि अफसर मुख्यालय में बैठने की बजाय फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें। उन्होंने कहा कि अगर विभाग में कोई भी फाइल तीन दिन से ज्यादा रुकी तो अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग और यूनिफार्म देर से मुहैया करवाने वाले अधिकारियों को उन्होंने फटकार भी लगाई। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को तत्काल माध्यमिक स्तर तक करने के निर्देश दिये। जिन पांच जिलों में डायट नहीं है, वहां उन्हें खोलने पर भी मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
मुख्यमंत्री सोमवार को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए। अमेठी, गाजियाबाद, सम्भल, कासगंज व शामली में अभी तक डायट नहीं है। मुख्यमंत्री ने नये बने हुए मंडलों व जिलों में शिक्षा अधिकारियों के पद सृजन के निर्देश भी दिए। उन्होंने 2019-20 से व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम के तहत वैकल्पिक विषयों के रूप में दैनिक जीवन में उपयोगी विषयों को शामिल करने के सुझाव भी दिए।
संवाद बढ़ाने पर दिया जोर :
उन्होंने स्कूलों में सोलर पैनल लगाने पर भी जोर देते हुए कहा कि संवाद बढ़ाया जाए। शिक्षा विभाग समय-समय पर अपनी जरूरतों को लेकर शासन को बताए ताकि केंद्र सरकार तक इसे पहुंचाया जा सके। अधिकारी प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ संवाद करें। इन अधिकारियों द्वारा की जाने वाली बैठकों की मॉनिटरिंग के भी आदेश दिए। उन्होंने प्रधानाचार्यों को साल में दो बार अभिभावकों के साथ बैठक करने के निर्देश देते हुए कहा कि बीएसए रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करें। शिक्षक स्कूलों में साफ सफाई, पेयजल और बिजली की व्यवस्था करें ताकि जब बच्चे एक जुलाई को स्कूल आएं तो उन्हें माहौल अच्छा मिले।
उन्होंने मिड डे मील योजना में लखनऊ और मथुरा में अक्षयपात्र को आधार से लिंक कराने के भी निर्देश देते हुए कहा कि हर कर्मचारी को महीने के पहले हफ्ते में वेतन मिल जाए। स्कूल में हफ्ते में एक दिन बंटने वाले नि:शुल्क दूध की गुणवत्ता की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस योग्य बनाना है कि वह हर परिस्थिति से लड़ सकें।
अध्यापक पुरस्कारों के लिए तय हों मानक :
राज्य अध्यापक पुरस्कार की एक प्रक्रिया पर उन्होंने सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि राज्य अध्यापक पुरस्कारों के लिए एक मानक तैयार किया जाए। कागजी खानापूर्ति बंद की जाए। बीएसए कार्यालयों में 3 वर्ष से ज्यादा समय से जमे बाबुओं के तबादले जल्द किये जाएं। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक आरके तिवारी व बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार भी मौजूद रहीं।
जल्द हो शिक्षकों की भर्ती :
माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा करते समय सहायक अध्यापकों की 10,768 एलटी ग्रेड भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री सख्त दिखे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस भर्ती को सहायता प्राप्त शिक्षकों की भर्ती के लिए बने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से करवाने पर विचार करने को कहा। 10,768 एलटी ग्रेड भर्ती में धांधली होने के चलते इसके रद्द होने की संभावना है। इस भर्ती की जांच एसटीएफ कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही एक अलग से शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया जाए जिससे शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी तरीके से हो सके। प्रधानाचार्य के पद का चयन लोक सेवा आयोग के तहत किया जाए। उन्होंने शिक्षकों के तबादले जून में ही पूरे करने के निर्देश दिए।