कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा, सदन का बहिष्कार
बढ़ते अपराध को लेकर कांग्रेस ने सरकार को सदन में घेरा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि या तो सरकार कानून व्यवस्था में फेल हो चुकी है या फिर खुद ही लूट को खुली छूट दे दी है। कानून व्यवस्था पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होने पर विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। भोजनावकाश के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने काम रोको प्रस्ताव के तहत कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज खत्म हो चुका है। एससी-एसटी वर्ग पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। हाल में नैनबाग में महज कुर्सी पर बैठ कर खाना खाने पर एक एससी युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। एक मासूम बच्ची और फिर एक किशोरी के भी दुष्कर्म की निंदनीय घटना हुई है। देहरादून में ही पेट्रोल पप में बेखौफ बदमाशों ने गोली मारकर 12 लाख रुपये लूट लिए।
विधायक प्रीतम सिंह ने पांच महीने के अपराध आंकडे़ पेश किए। कहा कि गृह विभाग से एक साल का ब्योरा मांगा था, लेकिन दिया केवल पांच महीने का ही। 219 रेप, 94 हत्या, 62 लूट, 338 चोरियां, छह डकैतियां हो चुकी हैं। विधायक करन माहरा के घर पर आग लगा दी जाती है। मुझे पूरा विश्वास हैकि यह आग भी सरकार की शह पर ही लगाई गई। पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और विधायक दल के उपनेता उप नेता करन माहरा, ममता राकेश, आदेश चौहान ने भी सरकार पर तीखे आरोप लगाए।
सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बात रखी। कहा कि राज्य में अपराध कम हुआ है। इसी वजह से निवेश भी बढ़ रहा है। पर्यटन का विकास हो रहा है। अपराध की घटनाओं का तेजी से खुलासा हो रहा है। कौशिक ने पिछले आठ साल के तथ्य सदन में रखे तो करन माहरा ने आरोप लगाया कि सरकार नेता प्रतिपक्ष को सिर्फ पांच माह के आंकड़े दिए और संसदीय कार्यमंत्री का आठ साल के। यह भेदभाव है और अफसरों को जनप्रतिनिधियों के प्रति नीयत साफ नहीं है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ने भी सरकार के तथ्यों पर सवाल उठाए। कहा कि सदन में सही तथ्य नहीं रखे जा रहे हैं। इसके बाद विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया।