September 22, 2024

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घर पर मारे छापे

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उच्चतम न्यायालय की वकील इंदिया जयसिंह और आनंद ग्रोवर के दिल्ली और मुंबई स्थित घरों पर छापेमारी कर रही है। यह कार्रवाई उनके दिल्ली स्थित एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव को मिले फंड में विदेशी फंडिंग कानून के कथित उल्लंघन के कारण विदेशी अंशदायी (विनियमन) अधिनियम, 2010 संबंध में की गई है। दिल्ली में लॉयर्स कलेक्टिव के 54 निजामुद्दीन और सी-65 निजामुद्दीन कार्यालयों पर की गई।

आनंद ग्रोवर उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के पति हैं। उनपर जांच एंजेंसी ने विदेशी सहायता प्राप्त करने में कथित विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया है। जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें परेशान न किया जाए क्योंकि छापेमारी जारी है। लायर्स कलेक्टिव ने सीबीआई द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।

जांच एजेंसी ने 18 जून, 2019 को गृह मंत्रालय के एक शिकायत के आधार पर लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ विदेशी अंशदायी (विनियमन) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन करने की वजह से आपराधिक मामला दर्ज किया था। मंत्रालय को एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता में कई विसंगतियां मिली थीं। आनंद इस संस्था के ट्रस्टी और निदेशक हैं।

एनजीओ के अज्ञात अधिकारियों, अज्ञात निजी व्यक्तियों और लोक सेवकों को भी एफआईआर में आरोपी बनाया गया है। इस संस्था की स्थापना 1981 में हुई थी। एनजीओ की वेबसाइट के अनुसार यह मिशन के साथ वकीलों का एक ऐसा समूह है जो कानून के प्रभावी उपयोग के माध्यम से हाशिए पर रहने वाले समूहों की स्थिति को सशक्त बनाने और बदलने का काम करता है। साथ ही मानवाधिकारों की वकालत, कानूनी सहायता और मुकदमेबाजी में संलग्न है।

सीबीआई छापेमारी पर इंदिरा जयसिंह ने कहा, ‘मिस्टर ग्रोवर और मुझे उन मानवाधिकार कार्यों के लिए टारगेट किया जा रहा है जो हमने वर्षों से किए हैं।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंदिरा जयसिंह के ठिकानों पर पड़े छापे की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं वरिष्ठ वकील इंदिया जयसिंह और आनंद ग्रोवर के यहां सीबीआई छापों की कड़ी निंदा करता हूं। कानून को अपना काम करने दीजिए लेकिन उन वरिष्ठों को परेशान करना जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कानून और संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ी एक स्पष्ट प्रतिशोध है।’

इससे पहले आठ मई को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें एसआईटी जांच की मांग की गई थी। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को उस दौरान विदेशों से फंड मिला जब वह यूपीए कार्यकाल के दौरान 2009-2014 के बीच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का संवेदनशील पद संभाल रही थीं। याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इंदिरा, आनंद और उनके एनजीओ को नोटिस भी जारी किया था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com