आगरा बस हादसे के लिए परिवहन मंत्री ने बताया ‘झपकी’ को जिम्मेदार, कहा- वज्रासन करें ड्राइवर
जनरथ बस हादसे में 29 लोगों की मौत के जिम्मदरों के खिलाफ कार्रवाई अब ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आगरा के एत्मादपुर में 8 जुलाई को हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे के लिए बस ड्राइवर कृपा शंकर चौधरी की झपकी को जिम्मेदार ठहराया, जिसकी उस हादसे में मौत हो गई थी।वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि चालक ढाबे पर खाना खाने के बाद 20 मिनट की झपकी लें या फिर वज्रासन करें, इससे बस हादसों पर अंकुश लगेगा। उनका मानना है कि भरपेट भोजन करने पर झपकी आने लगती है। मंत्री ने क्षेत्रीय प्रबंधकों और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को इस नई व्यवस्था को प्रभावी करने का निर्देश दिया।
मंत्री के इस बयान से लापरवाह परिवहन अफसरों को क्लीन चिट मिल गई। हालांकि वह दावा कर रहे हैं कि जांच समिति जिन अफसरों को दोषी ठहराएगी उन पर कार्रवाई होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिवहन मंत्री चालक के झपकी आने के साक्ष्य नहीं दे सके। जब इस बाबत पूछा गया तो परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू की तरफ देखने लगे। उधर से कोई प्रतिक्रिया न होने पर मंत्री मौन हो गए। साहू भी जांच समिति में शामिल थे।
24 घंटे में जांच पूरी, पर कार्रवाई नहीं
आगरा के एत्मादपुर में 8 जुलाई को तड़के 4:20 बजे जनरथ बस के नाले में गिरने से 29 यात्रियों की मौत की खबर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने परिवहन आयुक्त, आगरा मंडलायुक्त, आईजी जोन आगरा की सदस्यता में जांच समिति गठित कर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी। टीम ने तय अवधि में रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी।
इन बिंदुओं पर नहीं की गई जांच
– चालक को दिल्ली के अनजान रूट पर क्यों भेजा।
– आईटी इकाई ने जनरथ की लोकेशन गलत क्यों बताई।
– चालक-परिचालक की ड्यूटी का अलॉटमेंट क्यों नहीं।
– दुर्घटनाग्रस्त बस के स्पीड गवर्नर की जांच क्यों नहीं कराई।