बडी खबर: श्रीदेव सुमन विवि का कैंपस कॉलेज ऋषकेश महाविद्यालय बना
देहरादून। पिछले लंबे समय से विवि कैंपस को लेकर चल रही कवायद आखिरकार पूरी हो गयी है। श्री देव सुमन विवि कैंपस को स्थापित करने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल भी काफी सक्रिय थे। जिसके बाद ऋषिकेश महाविद्यालय को कैंपस कॉलेज बनाकर प्रदेश सरकार ने श्रीदेव सुमन विवि का कद और बढ़ा दिया है। पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश को प्रदेश सरकार ने विवि का कैंपस कॉलेज बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। इसी शिक्षा सत्र से ऋषिकेश महाविद्यालय का प्रशासनिक नियंत्रण अब श्रीदेव सुमन विवि के अधीन हो गया है। विवि के कैंपस कॉलेजों की संख्या बढ़कर अब दो हो गई है।
पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश को श्रीदेव सुमन विवि का कैंपस कॉलेज बनाने की कवायद लंबे समय से चल रही थी, जो अब साकार हो गई है। प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से 6 अगस्त को ऋषिकेश महाविद्यालय को कैंपस कॉलेज बनाने का शासनादेश जारी हो चुका है। शासनादेश में कहा गया है कि ऋषिकेश महाविद्यालय कैंपस कॉलेज का प्रशासनिक नियंत्रण इसी सत्र से श्रीदेव सुमन विवि के अधीन होगा।
ऋषिकेश महाविद्यालय में वर्तमान में 19 विषय संचालित हो रहे है। कैंपस कॉलेज बनाने के लिए महाविद्यालय के पास 50 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। गोपेश्वर महाविद्यालय के बाद अब ऋषिकेश महाविद्यालय को कैंपस कॉलेज का दर्जा मिलने से विवि का कद और अधिक बढ़ गया है। विवि से 57 राजकीय महाविद्यालय और 123 स्ववित्त पोषित संस्थान संबद्ध है। प्रदेश सरकार भले ही विवि का दायरा लगातार बढ़ाती जा रही है, लेकिन शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों का सृजन न होने से विवि की व्यवस्थाएं ढर्रे पर नहीं आ पा रही है। 2012 में अस्तित्व में आए श्रीदेव सुमन विवि की बागडोर 45 उपनल कर्मियों के भरोसे चल रही है। कर्मचारियों की कमी के चलते विवि समय पर छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पा रहा है। परीक्षा परिणाम घोषित होने पर दो-तीन माह तक छात्रों को अंक तालिका नहीं मिल पा रही है।
कैंप को लेकर पिछले लंबे समय से शासन स्तर पर कार्य चल रहा था। कैंपस मिलने से शोध कार्यो के साथ-साथ विवि को अन्य व्यवस्थाएं बनाने में भी काफी सहायता मिलेगी। यह छात्रों के लिए भी बेहतर है विवि कैंपस होने से यहा पाठृक्रम भी बढाये जा सकते है। वर्तमान समय में विवि का स्वरूप काफी बड गया है। जिसके लिए कैंपस की अति आवश्यकता थी।
डा उदय सिंह रावत , कुलपति श्रीदेव सुमन विवि