ठेंगे पर नियमः गडकरी की गाइड लाइन से घबराती भाजपा की राज्य सरकारें

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देहरादूनः देशभर में नया मोटर वाहन एक्ट राज्य सरकारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कई राज्यों ने नए वाहन एक्ट ज्यादा कठोर बताया और केंद्र को इसकी समीक्षा करने की सिफारिश की। खुद भाजपा शासित राज्यों ने दो कदम आगे बढ़ कर एक्ट के तहत तय जुर्माने को आधा कर डाला। ऐसा करने वाले राज्य गुजरात और उत्तराखंड हैं। दोनों भाजपा शासित राज्यों के निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली भी इसी तैयारी में है। खैर इस बीच केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री ने ऐसे राज्यों को खूब लताड़ लगाई है।

गडकरी की नसीहत

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उन राज्यों को नसीहत दी है, जिन्होंने अपने यहां नए यातायात नियमों में ढील दी है। नितिन गड़करी ने कहा कि हमने जुर्माने की रकम इसलिए बढ़ाई ताकि लोग नियमों का पालन करे और सड़क हादसे कम हो जिससे लोगों की जान बच सके। नितिन गडकरी की छवि एक कड़क राजनेता की रही है। वह जो काम हाथ में लेते हैं उसे पूरा करके दम लेते हैं। वह ऐसे ही महाराष्ट्र के शेरशाह सूरी नहीं कहे जाते। महाराष्ट्र में परिवहन का जाल गडकरी का ही विजन है। वह देश के परिवहन सिस्टम को दुरूस्त करने की चाहत रखते हैं। इसीलिए सबसे पहले उन्होंने यातायात नियमों को कठोर करने की पहल की। लेकिन उनकी पहल पर राज्य सरकारें बट्टा लगा रही हैं। एक वक्तव्य में गडकरी ने कहा कि नया मोटर वाहन एक्ट राजस्व इकट्ठा करने की योजना नहीं है, क्या आपको डेढ़ लाख लोगों की मौत की चिंता नहीं है। गडकरी का यह बयान खासा महत्वपूर्ण है। लेकिन राज्य सरकारें स्थानीय राजनीति को तवज्जों देने से बाज नहीं आ रही है।

भाजपा सरकारे ही एक्ट के अगेंस्ट

नए ट्रैफिक कानून से सबसे ज्यादा दिक्कत भाजपा शासित राज्यों की सरकारें महसूस कर रही है। सबसे ज्यादा हो-हल्ला उन्हीं राज्यों में है जहां भाजपा की सरकारें हैं। इन सरकारों ने केंद्र से नए यातायात कानून की समीक्षा करने की गुहार लगाई। लेकिन इसी बीच गुजरात की रूपाणी सरकार और उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने दो कदम आगे बढ़कर जुर्माने की राशि को आधा करने का ऐलान कर दिया। अब सवाल उठता है कि जब भाजपा शासित राज्यों ने ही केंद्रीय सरकार के फैसले को नकार दिया तो अन्य राज्यों से क्या अपेक्षा करनी। गुजरात और उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र भी इन्हीं के नक्शे कदम पर चलने को तैयार है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी नए नियमों के खिलाफत की है। जबकि पश्चिम बंगाल ने साफ कर दिया कि वह अपने यहां नए ट्रैफिक नियम लागू नहीं करेंगे।

विपक्ष का निशाना

नए ट्रैफिक नियमों के खिलाफ जिस प्रकार भाजपा शासित राज्य सरकारों ने कदम उठाये हैं। उसको लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवाल उठा दिये हैं। सपा नेता अखिलेश यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा की राज्य सरकारों ने अपनी की सरकार के नियमों को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यह एक शुरूआत है।

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