सतपाल महाराज के लिए बीजेपी में मुश्किल, अजय भटृट के तेवर से बैक फुट पर महाराज
देहरादून। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के प्रचारक वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज के लिए बीजेपी में आये दिन मुश्किल पैदा हो रही है। एक समय था जब सतपाल महाराज कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में जाने जाते थे, लेकिन जब महाराज ने बीजेपी का दामन थामा तो लगा अब तो सीएम बन ही जायेंगे, लेकिन बीजेपी ने चुनावी वैतरणी पार लगाने के बाद महाराज को महज एक छोटा मंत्रालय देकर संतुष्ठि कर दिया है। लेकिन महाराज कि स्थिति बीजेपी में आये दिन कमजोर होती जा रही है। इसका ताजा उदाहरण है एक दिन पूर्व कांग्रेस से बीजेपी में आये पूर्व बीजेपी नेता डाॅ आनन्द बोहरा का।
पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष व रूद्रप्रयाग के बरिष्ठ सर्जन डा0 आनन्द बोहरा की महाराज और उनके समर्थकों ने भाजपा में घर वापसी कर हार्दिक स्वागत भी कर दिया। लेकिन कुछ ही घंटे बाद देहरादून में बैठे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटृट ने साफ कर दिया की बोहरा को घर से बाहर ही रखा जाय। ऐसे में सवाल खडे हो गये है कि जो महाराज कभी सीएम के दावेदार थे वे आज एक कार्यकर्ता को भी बीजेपी में शामिल नहीं करवा पा रहे है।
जबकि घर वापसी कुछ ही देरबार प्रदेश अध्यक्ष अजय भटृट ने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में साफ किया कि बोहरा गलत तथ्यों के अधार पर भाजपा में शामिल हुये है। जिन्हें पूर्व में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया था। भटृट ने कहा कि निष्कासित पूर्व कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर निर्णय उन्हें ही लेना है। जिससे साफ हो गया है कि बीजेपी में सतपाल महाराज के लिए आने वाले दिनों में और भी मुश्किल खडी हो सकती है।
वहीं बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि अब बीजेपी में कांग्रेस से आये दिग्जों के लिए वो बात नहीं रह गयी है। उन्होंने कहा कि 22 के चुनाव को लेकर गुणाभाग शुरू हो गया है। ऐसे में उन पूर्व पदाधिकारियों को शामिल करना मुश्किल हो जायेगा, जो टिकट के भी दावेदार हो सकते है। इस लिए कांग्रेस के पूर्व महाराज बीजेपी में तो महाराज नही हो सकते है। उधर डाॅ बोहरा के लिए की दुविधा की स्थिति पैदा हो गयी है। अब न तो वह कांग्रेसी रहे और न भाजपायी।