प्याज़ की बढ़ती क़ीमत रोकना हमारे हाथ में नहीं – राम विलास पासवान

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नई दिल्ली। प्याज की कीमतें आसामान को छू रही हैं। प्याज की खुदरा कीमतें कई जगह 80 रुपये किलो तक पहुंच गयी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान का कहना है सरकार प्याज़ की बढ़ती क़ीमत रोकने की कोशिश तो कर रही है लेकिन क़ीमत घटना उनके हाथ में नहीं है।

प्याज़ और टमाटर के लगातार बढ़ते दाम से सरकार चिंतित है। इसी पर विचार करने के लिए आज राम विलास पासवान ने अपने मंत्रालय और इस मामले से जुड़े दूसरे विभागों के आला अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में इन दोनों खाद्य पदार्थों की क़ीमत कम करने के लिए ज़रूरी उपायों पर चर्चा की गई।

हालांकि जल्द ही अपने बयान के विपरीत परिणाम को भांपते हुए राम विलास पासवान ने एक हफ्ते से 10 दिन के भीतर क़ीमत घटने का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा, ‘एक हफ्ते से 10 दिनों के भीतर प्याज़ की नई फ़सल की खेप बाज़ार में आ जाएगी जिसके बाद दाम घटने लगेंगे।’ उनके मुताबिक़ प्याज़ की क़ीमत बढ़ने की सबसे बड़ी वजह इस साल प्याज़ की संभावित पैदावार में कमी है।

2016-17 में जहां 2.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज़ की खेती हुई थी वहीं 17-18 में ये घटकर 1.90 लाख हेक्टेयर हो गयी है। प्याज़ का उत्पादन करने वाले दो सबसे बड़े राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी प्याज की खेती में कमी आई है। महाराष्ट्र में पिछले साल एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज़ की खेती हुई जो इस साल घटकर 79000 हेक्टेयर हो गई। वहीं कर्नाटक में 53000 हेक्टेयर से घटकर 36000 हेक्टेयर हो गई।

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