मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक ,फ्लीट में भेजी गई थी ‘खराब’ एम्बुलेंस
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब योगी आदित्यनाथ की फ्लीट में स्वास्थ्य विभाग की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई। 4 जनवरी को सीएम की फ्लीट में गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल की ओर से लगाई गई एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस खराब होने का मामला शासन के पास पहुंचा है।
दरअसल, सीएम की फ्लीट में चल रही एम्बुलेंस रास्ते में ही खराब हो गई थी और वह सभा खत्म होने के बाद सभा स्थल पर पहुंची थी। एम्बुलेंस चालक के मुताबिक, कई दिनों से एम्बुलेंस में खराबी थी। इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया भी गया था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देने के चलते ऐसा हुआ। मुख्यमंत्री की फ्लीट में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का दूसरा मामला है।
फिजिशियन की जगह पैथोलॉजिस्ट को भेजा
इससे पहले सोमवार को दिल्ली में रैली करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वीवीआईपी ड्यूटी में फिजिशियन की जगह पैथोलॉजिस्ट और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को भेज दिया गया। दिल्ली में पीएसओ को दिल का दौरा पड़ने पर यह मामला सामने आया। वहीं, सीएमओ ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को दिल्ली में चुनावी रैली को संबोधित करने आए थे। मुख्यमंत्री की ड्यूटी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एमएमजी अस्पताल की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के साथ ही नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मदनलाल और पैथोलॉजिस्ट एमके चौधरी की डयूटी लगाई गई थी। ये डॉक्टर अपनी ड्यूटी कर रहे थे, तभी पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारी) को दिल का दौरा पड़ गया। दिल का दौरा पड़ते ही डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। दोनों डॉक्टरों ने पीएसओ को तुरंत ऑक्सीजन लगाई, उन्हें कार्डियक मॉनिटर पर रखा। इसी दौरान डॉक्टरों से फिजिशियन को बुलाने के लिए कहा गया। डॉक्टरों ने मौजूद आला अधिकारियों को बताया कि उन दोनों में से कोई भी फिजिशियन नहीं है। यह सुनकर वहां मौजूद अन्य लोगों ने फिजिशियन नहीं होने पर उनसे सवाल-जवाब किया।
प्रोटोकॉल के नियमों के अनुसार, मुख्यमंत्री समेत अन्य वीवीआईपी ड्यूटी में फिजिशियन समेत एनेस्थेटिस्ट की ड्यूटी लगाने का प्रावधान है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रोटोकॉल के इन नियमों का उल्लंघन किया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ और पैथोलॉजिस्ट को वीआईपी ड्यूटी में तैनाती पर दिल्ली के आला अधिकारियों ने मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया। वहीं गाजियाबाद के सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता से भी लापरवाही के इस मामले के संबंध में पूछताछ की गई है।
सीएम की फ्लीट में चूक पर डॉक्टरों से जवाब मांगा
मुख्यमंत्री की फ्लीट में पैथोलॉजिस्ट और नेत्र सर्जन को भेजे जाने के मामले में एमएमजी अस्पताल के सीएमएस ने ड्यूटी पर गए दोनों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में दोनों पर जानबूझकर अव्यवस्था फैलाने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने की बात कही गई है।
एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. रविंद्र राणा ने पैथोलॉजिस्ट एमके चौधरी और नेत्र सर्जन डॉ. मदन लाल से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि एमबीबीएस डॉक्टर सभी प्रकार की आकस्मिक सेवाओं के लिए पर्याप्त होते हैं। नोटिस में दोनों पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने की बात कही गई है।