September 22, 2024

डॉ कफील खान पर रिहाई से पहले बड़ी कार्रवाई, योगी सरकार ने लगाया NSA

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ बयान देने के आरोप गोरखपुर के डॉ. कफील खान के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने डॉ कफील खान के खिलाफ रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है. शुक्रवार को डॉ. कफील खान जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन रासुका लगने से उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं

डॉक्टर कफील खान पर पिछले साल 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने कफील को जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था. डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ लगाने पर सवाल भी उठे थे. हालांकि उस समय पुलिस का कहना था कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी हुई है.

पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था. यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद डॉक्टर कफील खान ने कहा था, ‘मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी. अब मुझको फिर से आरोपी बनाने की कोशिश की जा कर रही हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दे. मुझको उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.’

फिलहाल वो मथुरा की जेल में हैं. डॉक्टर कफील खान के वकील ने कोर्ट में उनकी जमानत की अर्जी डाली थी, जिस पर 10 फरवरी को सीजेएम कोर्ट ने डॉ कफील खान को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने 60,000 रुपये के दो बांड के साथ सशर्त जमानत दी थी. साथ ही कहा था कि वो भविष्य में इस तरह की घटना को नहीं दोहराएंगे. आपको बता दें कि कुछ समय पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किए जाने के बाद डॉक्टर कफील खान सुर्खियों में आए थे. हालांकि बाद में इस मामले में उनको क्लीन चिट दे दी गई थी.

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की शक्ति देता है. यह अधिकार केंद्र और राज्य सरकार दोनों को समान रूप से मिले हैं. रासुका लगाकर किसी भी व्यक्ति को एक साल तक जेल में रखा जा सकता है. हालांकि तीन महीने से ज्यादा समय तक जेल में रखने के लिए एडवाइजरी बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है. राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के आधार पर रासुका लगाया जा सकता है.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com