आस्थाः मैतियों से मिलकर अपने स्थान के लिए विदा हुई मां त्रिपुरा बाला सुंदरी
देहरादूनः उत्तराखंड अपनी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं के लिए सदियों से जाना जाता है। देवताओं के वास स्थल कहे जाने वाले उत्तराखंड में पौराणिक परम्पराओं का प्रचलन आज भी अनवरत जारी है। इसी कड़ी में सुदूर रूद्रप्रयाग जनपद के ग्राम भटवाड़ी की अधिष्ठात्री देवी मां त्रिपुरा बाला सुंदरी की डोली इन दिनों देहरादून देव यात्रा पर आई। इस दौरान मां त्रिपुरा बाला सुंदरी की डोली ने चार सिद्धों की यात्रा भी की। इसके उपरांत मां त्रिपुरा बाला सुंदरी अपने मैतियों के यहां दर्शन देने पहुंची। क्षेत्र की कई ध्याणियों ने माँ को अपने घर पर आने का न्योता दिया। घर पहुंची मां त्रिपुरा बाला सुंदरी की डोली का स्थानीय महिलाओं ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने मां की डोली के दर्शन कर मनौतियां मांगी।
मां त्रिपुरा बाला सुंदरी की डोली की आगवानी कर रहे आचार्य विश्वाम्भर सती ने बताया कि कई साल बाद मां की डोली देहरादून यात्रा के लिए निकली। देहरादून प्रवास के दौरान डोली ने चारों सिद्ध की यात्रा पूरी की। इस दौरान देहरादून में निवास कर रहे स्थानीय लोगों ने मां त्रिपुरा बाला सुंदरी की डोली को अपने आवास पर आने का न्यौता दिया। जिसके उपरांत मां ने अपने भक्तों के घर पहुँच कर दर्शन दिए। यात्रा के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने मां के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। देहरादून भ्रमण के बाद मां की डोली हरिद्वार पहुंची, जहां गंगा स्नान के बाद डोली वापस अपने मायके के लिए विदा हुई।
रूद्रप्रयाग निवासी सुबेदार मेजर प्रकाश सिंह पडियार ने बताया कि मां त्रिपुरा बाला सुंदरी में लोगों की अटूट श्रद्धा है। उन्होंने बताया कि देहरादून में रुद्रप्रयाग जनपद के अधिकांश लोग निवास करते हैं। इसलिए मां की डोली स्वेच्छा से अपने मैतियों को दर्शन देने पहुंची। मां की डोली का ध्याणियां ने भव्य स्वागत किया और अपने कुल-परिवार की समृद्धि के लिए मनौती मांगी। वहीं इस दौरान देवी अपनी ध्याणियों पर अवतरित भी हुई।