शेयर बाजार में लगा लोअर सर्किट, सेंसेक्स 11.7 फीसदी गिरा, बीएसई का मार्केट कैप 12.6 लाख करोड़ रुपए घटा
देश के बड़े हिस्से में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के चलते शेयर बाजारों में सोमवार को भी बड़ी गिरावट देखी गई। सुबह बाजार खुलने के थोड़ी ही देर बाद इंडेक्स 10 फ़ीसदी गिर गए। लोअर सर्किट लगने के कारण ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। मार्च 2020 में दूसरी बार ट्रेडिंग रोकने की नौबत आई है। बाजार दोबारा खुले तो गिरावट और बढ़ गई। 11:30 बजे सेंसेक्स 11.71 फ़ीसदी यानी 3504 अंक लुढ़क कर 26398 और निफ़्टी 11.47 फ़ीसदी गिरकर 7742 पर आ चुके थे। इस गिरावट के कारण बीएससी का मार्केट कैप करीब 12:50 लाख करोड़ रुपए घटकर 103.63 लाख करोड़ रुपए रह गया। डॉलर की तुलना में रुपया भी 92 पैसे गिर कर 76.12 रह गया है। दरअसल लॉक डाउन दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में किया गया है जिसके चलते विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार बनने लगे हैं।
ट्रेडिंग के घंटे कम करने का सुझाव खारिज
निफ्टी के सभी 50 और सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट आई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 20 फीसदी गिरावट एक्सिस बैंक के शेयरों में रही। सबसे ज्यादा गिरने वाले अन्य प्रमुख शहरों में आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, हीरो मोटोकॉर्प और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल है। बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव ना हो इसके लिए रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को शॉर्ट सेलिंग पर अंकुश लगाने के कई उपायों की घोषणा की थी। कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग के घंटे कम करने का सुझाव दिया था हालांकि सेबी ने फिलहाल ऐसा करने से इनकार किया है।
दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में लॉक डाउन
ट्रेडर्स का कहना है कि भारत सरकार के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी लॉक डाउन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप होने लगी है। यही वजह है कि निवेशकों का सेंटीमेंट नेगेटिव हो गया है और कोई भी इस समय बाजार में पैसा लगाने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के कारण देश के करीब 75 जिलों में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। सभी ट्रेनें 31 मार्च तक बंद कर दी गई है। राज्य सरकारों ने भी अपनी तरफ से कई प्रतिबंध लागू किए हैं।