सब्जियों की मांग 75 फीसदी तक घटी, किसान फैकने पर मजबूर
देशभर में लॉकडाउन के कारण सब्जियों की मांग में करीब 75 फीसदी तक की कमी आ गई है, जिस कारण किसान सब्जियों को सड़क पर फैकने के साथ ही पशुओं को खिलाने पर मजबूर हैं। महाराष्ट्र की मालेगांव एपीएमसी मंडी लॉकडाउन के कारण बंद है, जिस कारण किसान को टमाटर गाय को खिलाना पड़ा।
दिल्ली की आजादपुर फल एवं सब्जी मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। लॉकडाउन के मंडी में फल के साथ ही सब्जियों की दैनिक आवक घटकर 40 से 50 फीसदी रह गई है, जबकि बिक्री केवल 25 से 30 फीसदी की रह गई है। दिल्ली आजादपुर मंडी की पोटेटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन (पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सब्जियों की मांग कम होने से किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सब्जियों को आप स्टॉक में नहीं रख सकते, अगर एक दिन नहीं बिकी तो फिर सड़ जायेगी।
लॉकडाउन के कारण पड़ोसी राज्यों की मांग कम
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण हर राज्य ने अपनी सीमाएं बंद कर रखी है, जिस कारण आवाजाही लगभग ठप्प सी हो गई है। आजादपुर मंडी से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों को फलों के साथ ही सब्जियां भेजी जाती थी, लेकिन राज्यों की सीमाएं बंद होने के कारण कारोबार घटकर 25 से 30 फीसदी ही रह गया है। लॉकडाउन के कारण परिवहन महंगी हो गई है, जबकि लेबर भी नहीं मिल रही है। आजादपुर मंडी में सामान्यत: 60 से 70 ट्रक आलू और 70 से 80 ट्रकों का प्याज का दैनिक कारोबार होता था लेकिन शनिवार को मंडी में आलू की आवक 32 ट्रक और प्याज की आवक 30 ट्रकों की हुई तथा यह पूरा माल भी नहीं बिक पाया।
आलू के साथ ही टमाटर की कीमतों में आई गिरावट
आजादपुर मंडी के सब्जी कारोबारी बलबीर सिंह भल्ला ने आउटलुक को बताया कि आलू की मांग में कमी आने से इसके भाव घटकर 700 से 800 रुपये प्रति 50 किलो रह गए जबकि 28 मार्च को इसका भाव 1,000 से 1,100 रुपये प्रति 50 किलो था। टमाटर का भाव मंडी में घटकर शनिवार को 250 से 300 रुपये प्रति कैरेट (एक कैरेट-25 किलो) रह गया, जोकि 28 मार्च को 400 से 450 रुपये प्रति कैरेट था। प्याज का भाव मंडी में 10 से 18 रुपये प्रति किलो, घीया का 10 से 12 रुपये, पेठा का 8 से 10 रुपये और हरी मिर्च का 15 से 16 रुपये प्रति किलो रह गया। होटल बंद होने के कारण भी हरी सब्जियों की बिक्री कमी आई है।