कोरोना के 80 फीसदी मामलों में वायरस का मामूली असर
देश में कोरोना के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जिनमें अभी वायरस के संक्रमण का मामूली असर देखने को मिल रहा है। तकरीबन 20 फीसदी (1689) मरीजों को ही अस्पताल में दाखिले की जरूरत महसूस हो रही है, जबकि देश में 601 कोविड अस्पतालों में 1.05 लाख बेड उपलब्ध हैं। हालांकि, पर्याप्त इंतजाम होने के कारण अभी सभी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। हम तैयारियों के मामले में इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे हैं। आप सभी इसमें सहयोग करें। देश हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। इस लड़ाई में सरकार और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं। मगर, सबसे अहम है आम लोगों का सहयोग। यह बेहद जरूरी है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें।
इस बीच, देश में रविवार तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 8,447 पहुंच गई। इनमें से 764 को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 273 ने जान गंवा दी है। लव अग्रवाल ने बताया कि 29 मार्च को 979 पॉजिटिव केस थे। आज 8,000 से ज्यादा केस हैं। इसमें से करीब 20 प्रतिशत मामलों में ही आईसीयू सपोर्ट की जरूरत है। इन्हें आइसोलेशन में डॉक्टरों की निगरानी में रखकर भी काम चलाया जा सकता है।
संयुक्त सचिव ने राज्य व केंद्रशासित राज्यों की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, अगर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है तो सरकार उसके लिए पूरी तरह तैयार है। 29 मार्च को 163 अस्पताल में 41,900 बिस्तर थे। 4 अप्रैल को 67,000 बेड थे। 9 अप्रैल को 1,000 बेड की जरूरत थी तो 85 हजार बिस्तर उपलब्ध थे। आज हमारे पास एक लाख से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं।
24 घंटे में 34 मौतें, 909 केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमित 909 मामले सामने आए, जबकि इसी दौरान 34 मरीजों की जान चली गई। इस वक्त तक देश में कुल मामले 8,356 ही हुए थे। वहीं, इस दौरान तक 716 मरीज ठीक होकर घर जा चुके थे।
1.86 लाख जांच, 4.3 फीसदी ही संक्रमित, 40 टीकों पर चल रहा काम
वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने बताया देश में 129 जांच सुविधा केंद्र है। रविवार दोपहर 1,86,906 नमूने जांचे गए, जिनमें से टेस्ट किए गए जिनमें से 7,953 यानी 4.3 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले।
पिछले पांच दिनों में औसत रूप से 16 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं जिसमें से औसतन 584 पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 40 से ज्यादा टीकों के विकास पर काम चल रहा है, मगर अभी तक इनमें से कोई भी अगले चरण तक नहीं पहुंच पाया।
एम्स और निमहंस समेत 14 संस्थान बने मेडिकल कॉलेजों के संरक्षक
देशभर में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 परीक्षण की क्षमता का विस्तार करने के लिए तत्काल आधार पर काम जारी है। कोरोना वायरस परीक्षण क्षमता का विस्तार करने के लिए एम्स, निमहंस सहित 14 संस्थानों को मेडिकल कॉलेजों के संरक्षक के तौर पर तैयार किया गया है।
ये मेडिकल कॉलेजों को कोरोना जांच में सहयोग करेंगे। कोरोना वायरस का इलाज करने वाले कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संक्रमण नियंत्रण से लेकर वेंटिलेटर प्रबंधन तक के बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।
जैसा असर, वैसा अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस का असर मरीजों में तीन तरह से देखने को मिल रहा है। माइल्ड, मॉडेरेट और क्रिटिकल। इन तीनों ही तरह के मरीजों के लिए अलग अलग तरह के अस्पतालों की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का असर हल्का है तो उसे कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है।
किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन उसकी तबीयत काबू में है तो उसे कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए कोविड अस्पताल हैं। इन तीनों के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है जिससे मरीज के मौजूदा लक्षणों में बदलाव होने पर उसे संबंधित अस्पताल या सेंटर भेजा जा सके।
देश के कोविड अस्पतालों में तैयारियों की एक झलक
- दिल्ली एम्स 260 में से 50 आईसीयू, 40 हाई डिपेंडेंसी और 70 वेंटिलेटर बेड तैयार हैं।
- सफदरजंग अस्पताल में 400 आईसोलेशन, 100 आईसीयू बेड हैं।
- आंध्रप्रदेश के चार बड़े अस्पतालों में 1680 बेड हैं। यहां 444 वेंटिलेटर हैं।
- चेन्नई में 500 बेड का कोविड अस्पताल।
- केरल में 1 हजार से ज्यादा बेड का अस्पताल।
- अहमदाबाद में 1200, भुवनेश्वर में 700, मुंबई में 100 बेड की व्यवस्था।
- प्राइवेट अस्पतालो में अपोलो 450 और मैक्स के दो अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था।
सेना के 51 अस्पतालों में खास तैयारी
भारतीय सेना के 51 अस्पतालों को कोरोना विशेष के लिए तैयार किया है। कोलकाता, विशाखापट्टनम, कोच्चि, हैदराबाद, बैंग्लोर, कानपुर, जैसलमेर, गोरखपुर सहित कई जगहों पर 9 हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। सात हजार बिस्तरों को स्टैंडबाई पर रखा है। अरुणाचल प्रदेश में आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) ने वॉटरप्रूफ 50 टेंट लगाए हैं।
हर टेंट में दो मरीजों को भर्ती करने का बंदोबस्त है। भेल, हेल और इंडियन ऑर्डनेंस फैक्टरी ने अब तक 10 अस्पतालों में 280 बिस्तरों का इंतजाम कर लिया है। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है जिसमें 90 बेड हैं। यहां आईसीयू केयर व्यवस्था भी है।
5 हजार बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में बदला, 15 हजार की तैयारी
अग्रवाल ने बताया कि 20 हजार रेल बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है जिसमें से पहले फेज में पांच हजार बोगियों में वार्ड तैयार हो चुके हैं। यहां डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि तैनात होंगे।
13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन जारी
इस बीच, सरकार के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने बताया कि मंत्रिसमूह ने अपने पास पर्याप्त भंडार के बाद 13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारत के पास तीन करोड़ से ज्यादा इस दवा की गोलियां हैं, जबकि जरूरत फिलहाल एक करोड़ की ही है।
गृह मंत्रालय ने कहा, साइबर दोस्त से लें ऑनलाइन अपराधों में मदद
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर परिवहन के जरिए वस्तुओं को ले जाने पर कोई रोक नहीं है। गोदाम में भंडार कर सकते हैं। राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जरूरी वस्तुएं बनाने वाले मजदूरों को सुचारु रूप से पास मिले जिससे इन यूनिटों में बाधा न आए।
चिंता: 7,000 केस पर भारत में चीन, अमेरिका और फ्रांस से ज्यादा मौतें
उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सभी राज्य होम डिलिवरी सुनिश्चित कराएं। वर्क फ्रॉम होम हो रहा है। ऑनलाइन लेनदेन भी हो रहा है। गृह मंत्रालय ‘साइबर दोस्त’ के जरिए आपको उपयोगी राय दे रहा है। साइबर दोस्त ट्विटर हैंडल को फॉलो करें। cybercrime.gov.in पर साइबर अपराध दर्ज करा सकते हैं।
भारत में जब कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 7000 था तो मौतों की संख्या 249 थी, जबकि जब जर्मनी में 7000 केस थे तो उस वक्त वहां मात्र 13 लोगों की मौत हुई थी, दक्षिण कोरिया में ये आंकड़ा 54 था, अमेरिका में तब मात्र 100 लोगों की मौत हुई थी, चीन में 170 लोगों ने जान गंवाई थी। फ्रांस में 7000 केस पर मौत का आंकड़ा 175 था और ईरान में यह 237 था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्रोत के आधार पर तैयार आंकड़ों के मूल्यांकन के मुताबिक 7000 केस पर 23 देशों की सूची में मौतों के मामले में भारत 10 ऐसे देशों में है जहां जान गंवाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिन देशों में भारत से ज्यादा मौतें हुई हैं, वे देश हैं स्पेन जहां 7000 संक्रमण पर मौत का आंकड़ा 288 था, जबकि ब्राजील में 299, इटली में 366, ब्रिटेन में 422, नीदरलैंड में 434 और स्वीडन में 477 लोगों की मौत हुई थी।