September 22, 2024

मध्यप्रदेश: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कांग्रेस की याचिका, राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट आदेश को बताया सही

कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच उच्चतम न्यायालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई कर रही है। इसी कड़ी में शीर्ष अदालत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से दायर याचिका पर फैसला सुनाया है। अदालत का कहना है कि मार्च में राज्यपाल द्वारा बहुमत परीक्षण का आदेश देना सही था।

सर्वोच्च न्यायालय ने अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दिए उस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल इस तरह का आदेश नहीं दे सकते हैं। यानी अदालत ने कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि राज्यपाल ने तब खुद कोई फैसला न लेते हुए बहुमत परीक्षण कराने को कहा था।

एक चलती हुई विधानसभा में दो तरह के ही विकल्प बचते हैं जिसमें बहुमत परीक्षण और अविश्वास प्रस्ताव ही होता है। अदालत ने इस दौरान राज्यपाल के अधिकारों को लेकर एक विस्तृत आदेश भी जारी किया है। राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन ने सियासी उठापटक के बीच विधानसभा में बहुमत परीक्षण का आदेश दिया था। 

हालांकि जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना वायरस के कारण सदन को कुछ दिनों के लिए टाल दिया था। जिसके बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया था। मार्च में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। 

जिसके बाद उनके समर्थन में 20 से ज्यादा विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य की तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। तब कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। फिर तुरंत शीर्ष अदालत में विधानसभा में बहुमत परीक्षण को लेकर याचिका दायर की गई थी। हालांकि कमलनाथ ने बहुमत परीक्षण से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com