कोरोना संकटः कोरोना वरियर्स पर भारी सीपीयू की दादागिरी, राजस्वकर्मी का जबरन काटा चालान

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देहरादूनः एक ओर जहां प्रदेश की मित्र पुलिस संकट के समय लोगों की मददगार बनकर अपना फर्ज निभा रही है तो वहीं दूसरी ओर मित्र पुलिस की सीपीयू यूनिट के कुछ अतिउत्साही पुलिसकर्मी पुलिस की छवि पर पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला राजधानी देहरादून का है। जहां सीपीयू कर्मियों ने अपनी वाहवाही के लिए गैरजिम्मेदाराना कदम उठा कर राजस्व कर्मी का चालान काट दिया। पीड़ित कर्मी ने सभी साक्ष्य सीपीयू कर्मियों को दिखाये और तहसीलदार से भी उनकी बात करवाई लेकिन अपने नंबर बनाने के चक्कर में उन्होंने न तो साक्ष्यों पर गौर किया और न ही तहसीलदार की सुनी।

देहरादून शहर में सीपीयू कार्मियों की शिकायत सबसे ज्यादा सामने आती है। ये लोग कायदे कानून की जगह मनमानी पर ज्यादा उतर आते हैं। पहले ही ऐसी कई शिकायते पुलिस प्रशासन को मिली लेकिन इसके बाद भी सीपीयू की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं आया। इन दिनों कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए सिर्फ जरूरी लोग ही आवाजाही कर रहे हैं। अमूमन सभी लोगों के पास जरूरी कागजात हैं। जिस राजस्व कर्मी का सीपीयू ने जबरदस्ती चालान किया उसके पास सभी दस्तावेज होने के बावजूद भी सीपीयू ने उसकी एक न सुनी। बिडम्बना देखिये कि देहरादून सदर तहसील में संग्रह अमीन पद पर तैनात आशीष डोरा ने जब सीपीयू कर्मियों से अपने उच्च अधिकारी से बात की तो उन्होंने तहसीलदार को यह कहते हुए फोन काट दिया वह सिर्फ अपने उच्च अधिकारियों की ही बात सुनेंगे।

पीड़ित संग्रह अमीन का कहना है कि वह कोरोना ड्यूटी पर हैं और तहसीलदार सदर ने उन्हें सहारनपुर रोड स्थित जैन धर्मशाला और अग्रवाल धर्मशाला सहित पटेल नगर में राहत शिविरों के स्थलीय निरीक्षण के लिए भेजा था। वह करीब 12ः30 बजे सहारनपुर चैक से पटेल नगर रैन बसेरे के निरीक्षण के लिए जा रहे थे लेकिन सीपीयू कर्मी ने उन्हें सहारनपुर चैक पर रोक दिया। उन्होंने सीपीयू कर्मी को पूरी जानकारी दी यहां तक की तहसीलदार से भी बात करवाई लेकिन इसके बावजूद भी सीपीयू कर्मियों ने उनका जबरदस्ती चालान काट दिया। संग्रह अमीन आशीष ने पुलिस सब इंस्पेक्टर को बताया कि उनके पास कोई सरकारी वाहन नहीं है, लिहाजा वे सरकारी ड्यूटी के लिए अपना निजी वाहन की प्रयोग कर रहे हैं। तहसीलदार सदर मुकेश रमोला ने भी सब इंस्पेक्टर को जानकारी देने के बाद भी पुलिसर्मियों ने अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में तहसीलदार की बात अनसुनी कर चालान काट दिया।

अमीन संघ ने दी आन्दोलन की चेतवानी

इस घटना के बाद संग्रह अमीन संगठन ने इस घटना पर भारी रोष जताया। संघ ने इस मामले पर उच्च अधिकारियों से कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस तरीके से सीपीयू राजस्व कर्मियों का उत्पीड़न करेगी तो वह कोरोना जैसी महामारी के दौरान दृढ़ता से ड्यूटी नहीं कर पाएंगे। वहीं तहसीलदार सदर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए इस मामले में जानकारी दे दी है। देहरादून के तहसीलदार सदर मुकेश रमोला ने बताया कि पुलिसकर्मियों द्वारा अनावश्यक परेशान किये जाने को लेकर भी जिला अधिकारी को उच्च स्तर पर करवाई का अनुरोध किया है।