September 22, 2024

LOKDHUN: उत्तराखण्ड के चर्चित नौकरशाह की ‘चिट्ठी’ ने तोड़ डाला ‘लॉकडाउन’, यूपी के दबंग विधायक को दी राज्य में एंट्री

देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार के एक चर्चित नौकरशाह की पैरवी पत्र से उत्तराखण्ड के लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा दी गई। उत्तर प्रदेश का एक दबंग विधायक अपने 8 साथियों के साथ बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा पर निकल पड़ा। रास्ते में जहां-जहां पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने विधायक के काफिले को रोका, एसीएस के पत्र को देखते ही वे विधायक को सलाम ठोकर रास्ते देते चले गए। पांच जिलों की सीमा को क्रास करने के बाद छठे जिले में विधायक को रोका तो विधायक आगबूला हो उठा। इतना ही नहीं विधायक और उसके साथियों ने पुलिस प्रशासन पर बदरीनाथ धाम जाने का दबाव बनाया, जबकि प्रशासन की ओर से उन्हें क्वारंटाइन होने को कहा गया, लेकिन बाहुबली विधायक इस पर अड गये कि वो बदरीनाथ धाम के दर्शन कर के ही लौटेंगे।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश का आदेश

यूपी का विधायक अमनमणि त्रिपाठी पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का पुत्र है। पिता और पुत्र दोनों का ही अपराधिक इतिहास रहा है। ऐसे विधायक की पैरवी के लिये उत्तराखण्ड शासन के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बीते 2 मई को देहरादून समेत पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली के डीएम को एक पत्र जारी किया। पत्र में कहा गया कि यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने 10 साथियों के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के लिये बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम जायेंगे लिहाजा उन्हें अपने साथियों व वाहनों समेत आने-जाने की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें। इसी पत्र के बुते अमनमणि उत्तर प्रदेश से चमोली जिले के कर्णप्रयाग नगर तक पहुंच गया। कहा जा रहा है कि एक पुलिस कर्मी के साथ अमनमणि बहस न करते तो उन्हें वहां भी नहीं रोका जाता।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश के आदेश के बाद जिलाधिकारी देहरादून का आदेश

कार्रवाई बगैर क्यों छोड़ा ?

देहरादून। सवाल यह है कि चमोली की डीएम स्वाति भदौरिया के संज्ञान में मामला आने के बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाकर कर्णप्रयाग पहुंचे अमनमणि को पुलिस ने बगैर किसी कार्रवाई के वापस लौटा दिया। जबकि विधायक पर लॉकडाउन और महामारी एक्ट के उल्लंघन का मुकदमा कायम किया जाना चाहिये था।

आदित्यनाथ एक सन्यासी हैं और एक सन्यासी का पितृ कार्य से कोई लेना-देना नहीं होता

ओमप्रकाश को क्या ये जानकारी नहीं है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक सन्यासी हैं और एक सन्यासी का अपने पूर्वाश्रम के पिता के पितृ कार्य से कोई लेना-देना नहीं होता, ऐसे में एक निर्दलीय विधायक जिस पर कि अपनी पत्नी की हत्या का मुकदमा दर्ज है, वो कैसे योगी के पिता के पितृ कार्य का अधिकारी हो गया, जबकि योगी के सगे भाई उनके पैतृक घर में पिता के निधन के बाद सभी संस्कार विधिवत कर रहे हैं।

पिकनिक पर निकले वधावन परिवार के के बहाने, पूर्व सीएम फड़नवीस ने उठाए थेे महाराष्ट्र सरकार पर सवाल

कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएफएचएल) के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के फैमिली ट्रिप पर जाने से पूरे देश में हडकंप मच गया था। लाॅकडाउन के बीच वधावन परिवार के 23 लोगों ने इमरजेंसी बताकर खंडवा से महाबलेश्वर में बने फार्महाउस की विजिट की। इन सबको महाबलेश्वर में स्थानीय पुलिस द्वारा क्वाॅरंटीन सेंटर में भी रखा गया था। इसके बावजूद भीं इस मामले में भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकार में डीएचएफएल समूह के वधावन परिवार के सदस्यों द्वारा लाॅकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर चुटकी ली थी। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में आई और जांच शुरू की।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com