September 21, 2024

मजदूरों के टिकट पर घमासान,रेलवे ने दिया ये स्पष्टीकरण

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. रेल मंत्रालय पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार और रेल मंत्रालय दिहाड़ी मजदूरों से टिकट के पैसे वसूल रहे हैं. रेल मंत्रालय पर कटाक्ष करते हुए सोनिया गांधी ने कहा ‘जब रेल मंत्रालय पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो गरीब मजदूरों से पैसा क्यों वसूल रहा है?

सोनिया गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि- जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस ला सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु. ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रु. दे सकता है, तो फिर आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?

सोनिया गांधी ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों की निशुल्क रेलयात्रा की मांग को कई बार उठाया, लेकिन सरकार और रेल मंत्रालय ने एक नहीं सुनी. सोनिया गांधी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट का खर्चा उठाएगी.

हम किसी भी यात्री से किराया नहीं ले रहे

इस मुद्दे पर भारतीय रेलवे ने बयान जारी करते हुए साफ किया है कि निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार ही स्पेशन ट्रेन चलाने का खर्च वहन कर रही हैं. हम बिना टिकट किसी को यात्रा की अनुमति नहीं देते. यही वजह है कि इन स्पेशल ट्रेन से जाने वाले हर यात्री को भारतीय रेलवे एक टिकट इश्यू कर रही है. साथ ही भारतीय रेलवे ने साफ किया है कि यात्रियों से टिकट वसूलना है या नहीं, ये राज्य सरकार फैसला ले रही हैं. हम किसी भी यात्री से किराया नहीं ले रहे हैं. 

क्या है पूरा विवाद

दरअसल, लगातार ये मांग की जा रही थी अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों या दूसरे लोगों को उनके घर जाने के इंतेजाम कराये जायें. राज्य सरकारें भी इसकी मांग कर रही थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, छात्रों समेत दूसरे फंसे लोगों को अपने-अपने गृहराज्य जाने की इजाजत दे दी थी. सराकर ने जब इसे लेकर गाइडलाइन जारी की तो राज्य सरकारों की तरफ से साफ कहा गया कि इतनी बड़ी संख्या में फंसे लोगों को बिना ट्रेन के नहीं लाया जा सकता है. इसके बाद फंसे लोगों के लिए श्रमिक ट्रेन चलाई गई. इन ट्रेनों से मजदूर अलग-अलग राज्यों से अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन विवाद इस बात पर हो गया कि परेशानी का सामना कर रहे मजदूरों से टिकट का पैसा वसूला जा रहा है.

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रेलवे के लेटर का अंश

रेल टिकट का पैसा वसूलने का मुद्दा गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों के अलावा कांग्रेस पार्टी व दूसरे विपक्ष दलों ने भी उठाया. कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और मोदी सरकार को मजदूरों से किराया वसूलने पर घेर रही है. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी मजदूरों से किराया वसूलने के कदम की आलोचना कर चुके हैं. कांग्रेस ने तो एक कदम आगे बढ़कर अपने सभी प्रदेश संगठनों को बोल दिया है कि ऐसे मजदूरों के टिकट का पैसा वो अपने खाते से दें.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस मसले पर ट्वीट कर सरकार को घेरा है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? हालांकि, बीजेपी कांग्रेस पर राजनीति करने के आरोप लगा रही है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि मजदूरों के टिकट का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठा रही हैं.

हालांकि, रेलवे मंत्रालय का जो लेटर सामने आया है उसके प्वाइंट नंबर 11 में साफ-साफ लिखा गया है कि राज्य सरकारें अपने यहां से निकलने वाली ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को टिकट देकर उनसे किराया लें और वो किराया रेलवे को दें.


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