September 22, 2024

अब ज्‍यादा दिन जिंदा नहीं रहेगा कोरोना का वायरस, ट्रंप ने बताया- इतने समय में आएगी वैक्‍सीन

कोरोना वायरस से इस समय दुनिया के तमाम देश जूझ रहे हैं। वैज्ञानिक भी इस महामारी की काट ढूंढ़ने में रात-दिन लगे हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है, उन्‍होंने कहा कि इस साल के आखिरी तक कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाएगी। हालांकि उन्‍होंने यह दावा किस आधार पर किया, इसके बारे में कोई पुख्‍ता जानकारी नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने फॉक्स न्यूज के वर्चुअल टाउन हॉल में कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास साल के अंत तक एक वैक्सीन होगा।” अमेरिका में इस महामारी ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 1450 से अधिक मौतें हुई हैं।

कोरोना ने पिछले साल दुनिया में पैर पसारे थे और तभी से लेकर दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी की काट में जुट गए थे, लेकिन उनको अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। हालांकि दुनिया में कई देशों ने इसकी वैक्‍सीन बनाने का दावा करते हुए इसके ट्रायल को आगे बढ़ाया है, लेकिन अभी तक किसी ने भी यह नहीं बताया है कि कितने दिन के अंदर कोरोना की वैक्‍सीन आ जाएगी।

आज हजारों की संख्‍या में वैज्ञानिक भी इस महामारी से निपटने के लिए वैकसीन इजाद करने में लगे हुए हैं। लेकिन अगर हम समय रहते 2002 में सार्स के टीके को बनाने का काम नहीं रोकते तो आज कोरोना का वायरस इतनी ज्‍यादा महामारी नहीं फैलाता।

2002 में फैला सार्स

2002 में चीन के ग्वांझो में एक अनजाने वायरस से दुनिया के कई देशों में महामारी फैली। वैज्ञानिकों ने 2002 वाली महामारी को सार्स (SARS) नाम दिया। सार्स यानी सीवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम यानी सांस वाली बीमारी, जोकि कोविड 19 में भी होती है। बाद में वैज्ञानिकों को पता लगा कि सार्स कोरोना फैमिली के वायरस से फैलता है। सार्स कोरोना वायरस जानवरों के ज़रिए ही इंसानों तक पहुंचा। उस समय कुछ ही महीनों में सार्स कोरोना 29 देशों में फैल गया और 8,000 से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए, जबकि 800 से ज़्यादा मौतें हुईं।

तब दुनिया जानना चाहती थी कि इसका टीका कब तैयार होगा। यूरोप, अमेरिका और एशिया ने तेज़ी से वैक्सीन पर काम शुरू किया। कुछ देशों ने तो क्लीनिकल ट्रायल का दावा भी कर दिया था, लेकिन तभी सार्स महामारी पर काबू पा लिया गया। काबू पाते ही कोरोना वैक्सीन पर जारी तमाम रिसर्च बंद हो गईं।

2012 में फैला मार्स

कुछ साल बाद 2012 में एक और जानलेवा कोरोना वायरस मर्स फैला। मर्स भी कोरोना वायरस था, जो ऊंटों के ज़रिए इंसानों में पहुंचा। तब भी कई वैज्ञानिकों ने मर्स का टीका तैयार करने की ज़रूरत दोहराई।

बता दें कि इस समय कोरोना वायरस से दुनिया में 3,566,542 से ज्‍यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि 248,302 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं अबतक इस महामारी से करीब 1,154,550 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। कोरोना से अभी तक दुनिया में सबसे ज्‍यादा अमेरिका प्रभावित है। अमेरिका में अबतक 68,598 लोगों की मौत हो गई है, जबकि उसके बाद ब्रिटेन, इटली, स्‍पेन और फ्रांस का नंबर आता है।


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