September 25, 2024

जल्द खत्म होगा दुनिया से कोरोना का कहर, इटली ने भी बनाई वैक्‍सीन!

दुनियाभर में कोरोना वायरस का तोड़ ढूंढने के लिए 100 से ज्यादा वैक्सीन प्री-क्लीनिकल ट्रायल पर हैं और उनमें से कुछ का इंसानों पर प्रयोग शुरू किया गया है। इन सबके बीच इटली ने दावा किया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढ ली है। अमेरिका और स्पेन के बाद इटली दुनिया का तीसरा ऐसा देश है, जहां 29 हजार से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है। यहां दुनिया की कुल मौत का करीब 12 फीसदी मौत हुई है।

इस वक्त कोरोना से पूरी दुनिया कोरोना से परेशान है। ढाई लाख से ज्यादा लोग इस वायरस के चलते जान गंवा चुके हैं और करीब 37 लाख इस कोरोना से संक्रमित हैं। दवा के अभाव में इस बीमारी से निपटने में सभी देशों को काफी मुश्किल पेश आ रही है। हालांकि अब इटली ने इस जनलेवा बीमारी का तोड़ ढूंढ लेने का दावा किया है। इटली ने ऐसा दावा किया है कि उसने कोविड-19 के वैक्सीन को तैयार कर लिया है और अगर ये दावा सही निकलती है तो ये बड़ी उपलब्धि साबित होगी। इससे पटरी से उतर चुकी जिंदगी फिर से सामान्य हो सकेगी और लोग पहले की तरह जी सकेंगे।

दरअसल, ये दावा किया है इटली के लज़ारो स्पेलनजानी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन डिज़ीज़ के शौधकर्ताओं ने रोम की संक्रामक बीमारी से जुड़े स्पालनजानी हॉस्पिटल में टेस्ट किया गया है और चूहे में एंटी बॉडीज तैयार किया गया। इसका प्रयोग फिर इंसान पर किया गया और इसने अपना असर दिखाया। लजारो स्पालनजानी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इन्फेक्शन डिजिज के शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब इस वैक्सीन का इस्तेमाल इंसानों पर किया गया तो देखा गया कि इस वैक्सीन ने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्म कर दिया। ये यूरोप का पहला हॉस्पिटल है, जहां कोविड19 के जीनोमिक सीक्वंस को आइसोलेट कर दिया है।

जीनोमिक सीक्वंस क्या होता है…

  • हमारी कोशिकाओं में आनुवंशिक पदार्थ यानि जेनेटिक मटेरियल होता है, जिसे हम DNA, RNA कहते हैं। इन सभी के सामूहिक रूप को जीनोम कहा जाता है। इसके अध्ययन को जोनोमिक्स कहते हैं।
  • जीनोम अनुक्रमण यानि जोनोमिक स्वीक्वस के तहत DNA में न्यूक्लियोटाइड के सटीक क्रम का पता लगाया जाता है।
  • जिसमें DNA में मौज़ूद चारों तत्त्वों- एडानीन (A) गुआनीन (G) साइटोसीन (C) और थायामीन (T) के क्रम का पता लगाया जाता है।
  • DNA अनुक्रमण विधि से लोगों की बीमारियों का पता लगाकर इलाज किया जा सकता है और आने वाली पीढ़ी को रोगमुक्त करना भी संभव है।

हालांकि ऐसे वक्त में ये दावा इंसान के भविष्य के लिए काफी मायने रखता है, क्योंकि WHO के विशेषज्ञ ने दावा किया था कि हो सकता है कि कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन न मिले, जैसे कि HIV और डेंगू की वैक्सीन नहीं मिल पाई है। फिलहाल इटली के इस दावे में कितना दम है, ये वैक्सीन के आने के बाद ही साफ हो पाएगा। लेकिन जिस तरह से दुनिया में इस खतरनाक वायरस से मौत हो रही है, इन सबके बीच इटली के दावे से उम्मीद की किरण तो जगी ही है।


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