लॉकडाउन में बैंकों ने 5.66 लाख करोड़ रुपये कर्ज देना किया मंजूर, वित्तमंत्री बोलीं रफ्तार पकड़ेगी अर्थव्यवस्था!
कोविड के चलते भले ही देश बीते डेढ़ महीने से लॉकडाउन में है और जिसके चलते अर्थव्यवस्था की पहिया ठहरी हुई, लेकिन इस सब के बीच अर्थव्यवस्था के रिकवरी के लिए एक उम्मीद की किरण जगी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर दी जानकारी है मार्च से अप्रैल 2020 के बीच लॉकडाउन के दौरान सरकारी बैंकों ने 41.81 लोन खातों के लिए 5.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज देने की मंजूरी दी है।
बैंकों ने एमएसएमई सेक्टर, रिटेल लोन जिसमें होमलोन और पर्सनल लोन शामिल है, कृषि लोन और कॉरपोरेट लोन देने को मंजूरी दे दी है। इन मंजूर किये गए कर्ज के अब डिसबर्सल का इंतजार है जो लॉकडाउन पीरियड के खत्म होने के बाद किया जाएगा। इन आंकड़ों से उत्साहित वित्तमंत्री ने ट्वीट किया कि, ‘ अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ेगा।’
वित्तमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि आरबीआई द्वारा घोषित 3 महीने के लोन मोरोटियम सुविधा का सरकारी बैंकों के 3.2 करोड़ ग्राहकों ने फायदा उठाया है। जो इन बैंकों के बेहतर संवाद और कार्य कुशलता को दर्शाता है।
एमएसएमई और अन्य के लिए प्रीअप्रूव्ड एमरजेंसी क्रेडिट लाइन और कंपनियों के वर्किंग कैपिटल बढ़ाने जैसे मामलों को सरकारी बैंक प्राथमिकता दे रहे हैं। 20 मार्च से 27 लाख ग्राहकों ने बैंकों से संपर्क किया और 2.37 लाख मामलों में 26,500 करोड़ रुपये के कर्ज देने को मंजूरी मिल गयी है। इस दिशा में काम चल रहा है।
एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां में क्रेडिट फ्लो बरकरार रखने के लिए बैंकों ने 1 से 4 मई के बीच 77,383 करोड़ रूपये इन संस्थाओं को देना मंजूर किया है जिसमें TLTRO फंड भी शामिल है जिसे मिलाकर कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये बनता है जिससे इन संस्थाओं को कारोबार करने के लिए फंड की दिक्कत ना हो।