November 17, 2024

देश में 69% कोरोना मरीज बिना लक्षण के, 10 दिनों तक बुखार ना आने पर नहीं फैला सकते संक्रमण

Coronavirus India

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना  मरीजों की डिस्चार्ज पॉलिसी से जुड़ी एक अहम जानकारी साझा की है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों में कोई लक्षण नहीं हैं और जिन्हें पिछले 10 दिनों से बुखार नहीं आया है, वो दूसरों तक संक्रमण नहीं फैला सकते हैं. ऐसे लोगों को 10 दिनों के बाद अपने घर वापस भेजा जा सकता है. 

हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे लोग घर के बाहर ना निकलें और 7 दिनों तक खुद को घर में आइसोलेट करें. इसके अलावा जरूरी एहतियात बरतें. मंत्रालय ने कहा कि ऐसे मरीज वायरस नहीं फैला सकते. लव अग्रवाल ने ये जानकारी 20 मई को दी है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में 69% मरीज बिना लक्षण वाले हैं. 

स्वास्थ्य मंत्रालय की संशोधित डिस्चार्ज नीति के अनुसार, COVID-19 केयर में भर्ती होने वाले हल्के और पूर्व-लक्षण वाले कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में मरीजों के तापमान की दैनिक जांच की जाएगी और उनकी पल्स की भी निगरानी की जाएगी. हालांकि, रोगी को लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं आने की स्थिति में, लक्षणों के (हल्के और बहुत हल्के मामले) 10 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाएगी. 

बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख 13 हजार को पार कर गई है. हालांकि इसमें से आधे मामले पिछले एक पखवाड़े में सामने आए हैं, जब से विशेष ट्रेनों के जरिए विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों की आवाजाही शुरू हुई है. इस बीच सरकार ने हालांकि, जोर देकर कहा है कि दुनिया की औसत डेथ रेट की तुलना में भारत में यह दर आधे से भी कम है. 

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए बीते 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है. फिलहाल इसका चौथे चरण चरण चल रहा है. 

इस घातक वायरस के कारण देशभर में मरने वालों की संख्या 3400 को पार कर गई है. इस वायरस के कारण डेथ रेट 3.06 फीसदी है. देश में करीब 45 हजार मरीज ठीक हो चुके हैं. अबतक करीब 15 अन्य देशों में कोरोना वायरस के कारण भारत से अधिक मौत हुई है. हालांकि, देश 63 हजार से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है और दुनिया में यह पांचवे स्थान पर है. अमेरिका, रूस, ब्राजील और फ्रांस ऐसे मुल्क हैं जहां भारत से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भारत आंकड़ों के हिसाब से दुनिया का 11वां सर्वाधिक प्रभावित देश है. दस प्रभावित देशों में से कुछ में सक्रिय मामलों की संख्या भारत से कम है, जिसमें स्पेन इटली, जर्मनी, तुर्की एवं ईरान शामिल है.